Saturday, 22 December 2018

राजपूतो और मुस्लिम लड़कियो के वैवाहिक संबंध

अक्सर हिन्दू राजपूतो को नीचा दिखाने के लिए जोधा अकबर का झूठा वैवाहिक संबंध इतिहास बताया जाता है!

तो आज में सच्चा इतिहास लायी हुं राजपूतो और मुस्लिम लड़कियो के वैवाहिक संबंध बनाने का इतिहास!

1-अकबर की बेटी शहज़ादी खानूम से महाराजा अमर सिंह जी का!

2-कुँवर जगत सिंह ने उड़ीसा के अफगान नवाब कुतुल खा कि बेटी मरियम से विवाह!

3-महाराणा सांगा मुस्लिम सेनापति की बेटी मेरूनीसा से ओर तीन मुस्लिम लड़किया से विवाह!

4-महाराणा कुंभा (अपराजित योद्धा) का जागीरदार वजीर खा की बेटी से विवाह!

5-बप्पा रावल (फादर ऑफ रावलपिंडी) गजनी के मुस्लिम शासक की पुत्री से और 30 से अधिक मुस्लिम राजकुमारीयो से विवाह!

6-विक्रमजीत सिंह गोतम का आज़मगढ़ की मुस्लिम लड़की से विवाह!

7-जोधपुर के राजा राजा हनुमंत सिंह का मुस्लिम लड़की ज़ुबेदा से विवाह!

8-चंद्रगुप्त मौर्य (राजपूत) का सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर की बेटी हेलेना से विवाह!

9-महाराणा उदय सिंह II ने एक मुस्लिम लड़की लाला बाई से विवाह

10-राजा मान सिंह मुस्लिम लड़की मुबारक से विवाह!

11-अमरकोट के राजा वीरसाल का हामिदा बानो से विवाह!

12-राजा छत्रसाल का हैदराबाद के निजाम की बेटी रूहानी बाई से विवाह

13-मीर खुरासन की बेटी नूर खुरासन का राजपूत राजा बिन्दुसार से विवाह

ये तो वैवाहिक संबंध की बात हुई अब राजपुत राजाओ की मुस्लिम प्रेमिकाओ पर बात करते हैं!

1-अल्लाउदीन खिलजी की बेटी "फिरोजा"" जो जालोर के राजकुमार विरमदेव की दीवानी थी वीरमदेव की युद्ध मै वीरगति प्राप्त होने पर फिरोजा सती हो गयी थी!

2-औरंगजेब की एक बेटी ज़ेबुनिशा जो कुँवर छत्रसाल के पीछे दीवानी थी ओर प्रेम पत्र लिखा करती थी ओर छत्रसाल के अलावा किसी ओर से शादी करने से इंकार कर दिया था!

3-औरंगजेब की पोती ओर मोहम्मद अकबर की बेटी सफियत्नीशा जो राजकुमार अजीत सिंह के प्रेम की दीवानी थी!

4-इल्तुतमिश की बेटी रजिया सुल्तान जो राजपूत जागीरदार कर्म चंद्र से प्रेम करती थी!

5-औरंगजेब की बहन भी छत्रपति शिवाजी की दीवानी थी शिवाजी से मिलने आया करती थी!

राजपुत राजाओ की और भी बहुत सी मुस्लिम बीवीया थी लेकिन वो राज परिवार और कुलीन वर्ग से नहीं थी!

लेकिन उस समय की किताबो में ब्रिटिश और उस समय के कवियों के रचनाओ मैं जिक्र स्पष्ट है!
और ब्रिटिश रिकॉर्ड में भी औऱ ज्यादातर राजपूतो राजाओ की एक से ज्यादा मुस्लिम बीवीया थी लेकिन रक्त शुध्दता की वजह से इनके बच्चो को अपनाया नहीं जाता ओर उन बच्चों को वर्णशंकर मान के जागिर दे दी जाती थी!

तो ये ऐतिहासिक प्रक्षेप चप्पल की तरह फेंक कर उनके मुह पर अवश्य मारिए जो हिन्दुओ को जोधा अकबर जैसे झूठे ऐतिहासिक तथ्यों पर बहस करते हैं!

Friday, 14 December 2018

करणी सेना मुखिया सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के ही कारण यह सत्ता परिवर्तन हुआ

करणी सेना मुखिया सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के ही कारण यह सत्ता परिवर्तन हुआ, राजपूत समाज की पूछ बढ़ेगी उन रावणा राजपूतों, चारण बारहट और राजपुरोहित समाज की पूछ बढ़ी है, जिन्हें उपेक्षित सा कर रखा था ...

राजपूत समाज को भाजपा का गुलाम, वोटबैंक सा समझ रखा था, उसी राजपूत समाज ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा को ऐसी पलटी मारी है, जिसे कई
भाजपा शीर्ष नेता भूल नहीं पाएंगे।

पांच सालों तक जब कांग्रेस मृतप्राय सी, चुप्पी साधे बैठी रही तब राष्ट्रीय करणी सेना और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई, हर जनआंदोलन
की अगुवाई सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने ही की ....

भाजपा से नाराजगी के चलते राजपूतों ने ही राजपूतों को
हराया, पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना संगठन सुप्रिमो सुखदेव सिंह गोगामेड़ी वजह से ही हमारे उन रावणा राजपूत भाइयों की, राजपुरोहित और चारण बारहट समाज की राजनीतिक दलों में पूछ बढ़ गई, इसमे कोई दो राय नहीं है, क्योंकि यह सुखदेव सिंह जी गोगामेड़ी का ही राष्ट्रीय स्तर पर एजेंडा था, कि क्षत्रिय वंश से संबन्धित इन सभी समाजों को एक मंच तले, एक बैनर झंडे के नीचे ला एक मजबूत सामाजिक संगठन के रुप में उभरा जाए, और आखिर वो मकसद सफल हुआ, और राजनीतिक तौर पर उपेक्षित कर रखे, संख्याबल में कमजोर इन रावणा राजपूतों, चारण बारहट और राजपुरोहित समाज की पूछ बढ़ी है।

क्षत्रिय समाज के मुखिताओं कारण राजपूत समाज की असमंजस वाली स्थिति के चलते भले ही इस बार 33 जाटों के मुकाबले हमारे 18 राजपूत और 3 रावणा राजपूत ही जीते हैं, पर हमारा राजनीतिक वजूद घटा नहीं बढा ही है, और उसी के चलते यह सत्ता परिवर्तन हुआ है, मृतप्राय सी मात्र इक्कीस विधायकों वाली कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता तक पहुंचा दिया, शीर्ष पर पहुंचा दिया।