Friday, 14 December 2018

करणी सेना मुखिया सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के ही कारण यह सत्ता परिवर्तन हुआ

करणी सेना मुखिया सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के ही कारण यह सत्ता परिवर्तन हुआ, राजपूत समाज की पूछ बढ़ेगी उन रावणा राजपूतों, चारण बारहट और राजपुरोहित समाज की पूछ बढ़ी है, जिन्हें उपेक्षित सा कर रखा था ...

राजपूत समाज को भाजपा का गुलाम, वोटबैंक सा समझ रखा था, उसी राजपूत समाज ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा को ऐसी पलटी मारी है, जिसे कई
भाजपा शीर्ष नेता भूल नहीं पाएंगे।

पांच सालों तक जब कांग्रेस मृतप्राय सी, चुप्पी साधे बैठी रही तब राष्ट्रीय करणी सेना और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई, हर जनआंदोलन
की अगुवाई सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने ही की ....

भाजपा से नाराजगी के चलते राजपूतों ने ही राजपूतों को
हराया, पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना संगठन सुप्रिमो सुखदेव सिंह गोगामेड़ी वजह से ही हमारे उन रावणा राजपूत भाइयों की, राजपुरोहित और चारण बारहट समाज की राजनीतिक दलों में पूछ बढ़ गई, इसमे कोई दो राय नहीं है, क्योंकि यह सुखदेव सिंह जी गोगामेड़ी का ही राष्ट्रीय स्तर पर एजेंडा था, कि क्षत्रिय वंश से संबन्धित इन सभी समाजों को एक मंच तले, एक बैनर झंडे के नीचे ला एक मजबूत सामाजिक संगठन के रुप में उभरा जाए, और आखिर वो मकसद सफल हुआ, और राजनीतिक तौर पर उपेक्षित कर रखे, संख्याबल में कमजोर इन रावणा राजपूतों, चारण बारहट और राजपुरोहित समाज की पूछ बढ़ी है।

क्षत्रिय समाज के मुखिताओं कारण राजपूत समाज की असमंजस वाली स्थिति के चलते भले ही इस बार 33 जाटों के मुकाबले हमारे 18 राजपूत और 3 रावणा राजपूत ही जीते हैं, पर हमारा राजनीतिक वजूद घटा नहीं बढा ही है, और उसी के चलते यह सत्ता परिवर्तन हुआ है, मृतप्राय सी मात्र इक्कीस विधायकों वाली कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता तक पहुंचा दिया, शीर्ष पर पहुंचा दिया।

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