Wednesday, 31 October 2018

रजवाड़ो के लिए मोदी की घोषणा

यह संपूर्ण भारतवर्ष के क्षत्रियों और क्षत्रिय संगठनों की एकजुटता यूनिटी का नतीजा है,
कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी मोदी को वही घोषणा करनी पड़ी जो मांग हम काफी समय से कर रहे हैं ....
एकीकरण भारत अभियान के अगुआ सरदार पटेल की याद में गुजरात के नर्मदा जिले में नवस्थापित किए गए स्टैच्यू अॉफ यूनिटी स्थल पर भारत के स्वतंत्रता समय मौजूद, सदियों पुरानी 562 पारंपरिक रियासतों के द्वारा किए गए त्याग बलिदान का प्रतीक एक शानदार वर्चुअल म्यूज़ियम भी स्थापित होगा।
हमारे संगठन श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह जी गोगामेड़ी, गुजरात प्रदेश प्रमुख राज शेखावत जी द्वारा हर मंच से उक्त मांग की गई,
साथ ही गुजरात प्रदेश के अनेकों क्षत्रिय संगठनों, क्षत्रिय नागरिकों साथ संपूर्ण भारतवर्ष के क्षत्रिय संगठनो एवं क्षत्रिय नागरिकों की मांग एवं भावना अनुसार जो प्रधानमंत्री जी द्वारा उक्त घोषणा की गई उसका हम प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
साथ ही गुजरात के क्षत्रिय नेता पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय शंकर सिंह जी वाघेला साहब के भी हम विशेष रूप से आभारी हैं कि उन्होने भी उक्त मांग पूरजोर तरीके से उठाई थी, और उस मांग को बहुत ही सुंदर रूप में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोसिअल मीडिया पर रखते हुए प्रधानमंत्री जी तक उक्त मांग पहुंचाई थी।
हम सोसिअल मीडिया पर भी एक्टिव हमारे सोसिअल एक्टिविस्टों और युवाओं को भी विशेष रूप से धन्यवाद शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं,
कि आप लोगों द्वारा जो अभियान रूप में यह मुहिम चलाई गई, वह सफल हुई ....
विदित रहे कि यह वर्चुअल म्यूज़ियम सरदार पटेल के नव स्थापित स्टैच्यू अॉफ यूनिटी स्थल पर ही निर्मित होगा, जिससे वहाँ आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों, भारतीय नागरिकों एवं साथ साथ भारत की युवा पीढ़ी को भी हमारे क्षत्रिय पूर्वजों की सदियों से रक्त से सींची रियासतों विरासतों और राज्य खजानो को बिना किसी हिचक के 'एक भारत, संयुक्त भारत' की स्थापना के लिए, नव स्थापित होने जा रही भारत की लोकतांत्रिक सरकार को सौंपते हुए, त्याग बलिदान कर दिया था।
हम क्षत्रिय नागरिकों की एकजुटता पर गौरवान्वित है कि, सरदार पटेल के नव स्थापित स्टैच्यू स्थल के उद्घाटन अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी मजबूर होकर सार्वजनिक मंच से वही घोषणा करनी पड़ी, जो हमने उन 562 पूर्व रियासतों के त्याग बलिदान को भी सरदार पटेल के साथ सम्मान देने के लिए की थी ...

Tuesday, 30 October 2018

भाजपा से दूरी बना रहे राजपूत समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने, और अपने साथ जोड़ने में लगा है ...

राजस्थान हो चाहे यूपी एमपी या गुजरात, कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व इन सभी हिन्दी भाषी राज्यों में भाजपा से दूरी बना रहे राजपूत समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने, और अपने साथ जोड़ने में लगा है ...

इसी कड़ी में राजस्थान के राजपूत प्रतिनिधि मंडल से मिलने बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा गुजरात प्रदेश में पहली बार प्रदेश महिला कांग्रेस प्रमुख पद पर राजपूत महिला को नियुक्त किया गया है,
#karninews
अहमदाबाद में स्थित राजीव गांधी भवन में आज सवेरे आयोजित एक भव्य समारोह में श्रीमती गायत्री बा वाघेला ने गुजरात महिला कांग्रेस के, प्रदेश प्रमुख पद को ग्रहण किया है।

विदित रहे, कि पिछले चार चुनावों से गुजरात प्रदेश की सत्ता से दूर कांग्रेस का गत विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन रहा है, राजपूत समुदाय के मत समर्थन से वो 99 सीटों पर चुनाव जीतकर, मात्र चंद विधायक सीटों की कमी रह जाने से, गुजरात जैसे उस प्रदेश की सत्ता पाते पाते चंद कदमों दूर रह गई, जहाँ से वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है।

स्टैच्यू आफ यूनिटी स्मारक पर भारत की पूर्व रियासतों के संयुक्त भारत के निर्माण के लिए त्याग बलिदान

स्टैच्यू आफ यूनिटी स्मारक पर भारत की पूर्व रियासतों के संयुक्त भारत के निर्माण के लिए त्याग बलिदान का प्रतिक स्मारक एवं म्यूजियम भी स्थापित हो ... 
      -श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना 

नर्मदा जिले में नव स्थापित होने जा रहे लौह पुरूष एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार साहब पटेल की याद में बन रहे स्टैच्यू आॅफ यूनिटी स्मारक पर एक भारत (संयुक्त भारत) की स्थापना के लिए अपने पूर्वजों के रक्त से सींची पारंपरिक रियासतें और राज्य के खजाने, अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले भारत के क्षत्रिय राजपूत समाज एवं भारत की सभी 565 पूर्व रियासतों एवं राजे रजवाड़ों की तरफ से श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का प्रधानमंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री राज्यपाल महोदय एवं क्षत्रिय राजपूत समाज के जन प्रतिनिधियों को झापन रूपी आवेदन पत्र प्रेषित ....

Monday, 29 October 2018

राजपूतो के दबग समाज के जनसेवक महिपाल सिंह सामेर



*परिचय समाज के जनसेवक महिपाल सिंह सामेर से*

आज मैं जिस युवा शख्सियत का परिचय कराने जा रहा हूं वह समाज की उभरती हुई एक युवा शख्सियत है कई लोग इनसे परिचित होंगे और जो परिचित नहीं उनको पोस्ट के माध्यम से परिचित करवाना चाहता हूं!!
महिपाल सिंह शेखावत
ठिकाना- सामेर
जिला- सीकर
राजस्थान

महिपाल सिंह सामेर समाज की वह शख्सियत है जिसने अपने संघर्ष के दम पर एक नई पहचान बनाई है *यह उन लोगों की गिनती में आते हैं जो अपना काम अपना संघर्ष चुपचाप करते हैं और किसी भी कार्य को सफल अंजाम तक पहुंचाते हैं*  जहां आज का युवा किसी कार्य को करने से पहले देश विदेश मैं पहला देता है उन सब से हटकर अलग सोच रखने वाले समाज की एक उभरती हुई संघर्षशील युवा शख्सियत महिपाल सिंह सामेर शांत स्वभाव नेक दिल प्रत्येक व्यक्ति से मधुर संबंध रखने वाले है,
वर्तमान में यह अपने परिवार के साथ जयपुर में रहते हैं और महिपाल सिंह दादा प्रॉपर्टी और अन्य कई प्रकार के कार्य करते हैं,
जब सब समाज ने कोई आंदोलन किया है या कोई विरोध प्रदर्शन किया है तब तब महिपाल सिंह सामेर ने बढ़-चढ़कर जयपुर से उसका नेतृत्व किया है समाज के प्रति समर्पित यह शुरू से ही रहे हैं अपने कॉलेज के समय से ही समाज के कई आंदोलनों में हिस्सेदार रहे हैं आगे चलकर इन्होंने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के लिए कार्य किया और सुखदेव दादा के साथ मिलकर समाज की लड़ाई लड़ी इनके कार्य को देखते हुए और युवाओं में अच्छी छवि रखने वाले शख्सियत होने की वजह से *जयपुर जिला अध्यक्ष बनाया गया श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का* और इन्होंने जयपुर में काफी मजबूत कार्यकारिणी गठन की है और लगातार प्रयास कर रहे हैं, समाज सेवा का जज्बा लेकर यह अपने पिताश्री के पद चिन्हों पर चल रहे हैं क्योंकि इनके पिताजी भी प्रशासनिक सेवा में रहते हुए भी समाज के लिए समर्पित रहते हैं और उन्हीं के पद चिन्हों पर आदरणीय बड़े भाई में महिपाल सिंह सामेर चल रहे हैं, 

*यह समाज के लिए शुभ संकेत है कि समाज में इस प्रकार की उभरती हुई युवा शख्सियत निकल रही है*
इनकी लोकप्रियता सभी सर्व समाज के लोगों में भी है क्योंकि इनका मधुर व्यवहार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है यह हमेशा सर्व समाज के सुख दुख में साथ खड़े रहने वाली युवा शख्सियत है,
इन्होंने जयपुर में रहकर सुखदेव दादा का साथ कंधे से कंधा मिलाकर जयपुर में समाज की आवाज उठाइए है,
महिपाल सिंह सामेर ने कॉलेज चुनाव भी लड़ा है और वह से ही अपने जीवन की शुरुआत की है
इन्होंने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना जयपुर में नेतृत्व करते हुए
मां पद्मावती के सम्मान के लिए,
आनंदपाल फर्जी एनकाउंटर,
आनंदपाल दादा के ब्लड डोनेशन कैंप,
चतुर सिंह हत्याकांड,
बढ़ती महंगाई डीजल पेट्रोल के लिए आंदोलन या ज्ञापन हो,
तिरंगा यात्रा को जयपुर से श्रीनगर के लिए रवाना करना हो, 

कई इस प्रकार के कार्य हैं जो महिपाल सिंह सामेर ने राष्ट्रीय करणी सेना जयपुर जिला अध्यक्ष होने के नाते करवाए हैं  और तन मन धन से सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी निभाई है,
मुझे इन पर गर्व है कि यह मेरे आदरणीय बड़े भाई हैं और साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमेशा साथ में खड़े रहते हैं तथा किसी भी संघर्ष में मार्गदर्शन करते हैं,
मां भगवती से प्रार्थना करूंगा कि सदैव आप इसी प्रकार बुलंदियों को छूते रहें और समाज के लिए हमेशा इसी प्रकार कर्तव्य निष्ठ तरीके से समर्पित रहे,

*उम्मीद करेंगे कि आप जयपुर जिले से श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का नेतृत्व कर रहे हैं और राष्ट्रीय करणी सेना को मजबूती प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाते रहोगे*
जय मां भवानी
जय छात्र धर्म

Saturday, 27 October 2018

कालवी साहब की हुँकार रैली फ्लाप, यह सब सरकार से मिलीभगत ? या फिर समाज की नजरों में फेल ????

कालवी साहब की हुँकार रैली फ्लाप, यह सब सरकार से मिलीभगत ? या फिर समाज की नजरों में फेल ???



पिछले चार सालों में राजपूत समाज ने संघर्ष कर भाजपा सरकार विरोधी आंदोलन रैलियों/विरोध प्रदर्शनों से जो 'हो हल्ले' रुपी, हौव्वा, जो मूवमैंट खड़ा किया था, उप चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को जो पटकणी लगाई थी, आमजन की नजर से उस अमिट छवि को मिटाने की असफल कोशिश तो नहीं थी ?? आज जयपुर में प्रायोजित वो हूँकार रैली ...
लोकेन्द्र सिंह कालवी जैसे पुराने नेता द्वारा आह्वान की गई रैली का, चुनावी दौर समय इस तरह से, बुरी तरह से फ्लाप शो जैसे फेल होना...
यानी जानबूझकर अपनी ही रैली, खुद की सभा खुद ही फ्लाप कर देना तो नहीं ....???
और इन महाशय जी का तो पुराना ट्रेक रिकार्ड भी इन सब बातों का गवाह है .....
सांवराद आंदोलन/पद्मावती फिल्म रिलीज विरोधी आंदोलन समय, लाख कोशिश करने बाबजूद भी यह लोग क्षत्रिय समाज की एकजुटता को तोड़ नहीं पाए थे...
उल्टा एट्रोसिटी संशोधन एक्ट को पुनः सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पुराने रूप में लागू करने की मांग,
सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग एवं अन्य दूसरे सामाजिक आंदोलनो से अपनी भूमिका से, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के मुखिया रूप में,
क्षत्रिय समाज के क्रांतिकारी नेता के रुप में उभर कर सामने आए,
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जैसे आक्रामक नेता ने, क्षत्रिय समाज के पारंपरिक सहयोगी रहे समाजों-
सवर्णो, मूल ओबीसी के छोटे बड़े जातीय वर्गों में अपने प्रति विश्वास कायम करते हुए, उन सबको भी अपने साथ और जोड़ लिया है ....
अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर, उनके हितों के लिए रातदिन लगे रहने वाले उन पुराने नेताओं की,
समाज को दो फाड़ो में विभाजित करने जैसी, 2003 के  अमरूदों के बाग वाली जैसी चाल तो कामयाब हुई नहीं ..
तो इन शातिर लोगों का यही तरीका सही,
कि - #शातिराना अंदाज में राजपूत समाज के नाम पर,  राजधानी जयपुर में प्रदेश स्तरीय हूँकार रैली का आह्वान करते हुए उसका आयोजन करना  ....
और उसे चालबाजी करते हुए खुद ही फ्लाप कर देना...
यानी हम लोगों ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ जो माहौल बना रखा है, उसे मीडिया मैनेजमेंट करते हुए  आमजन की नजर में धूमिल सा कर देना ....
मतलब राजपूत समाज ने पद्मावती फिल्म रिलीज विरोधी आंदोलन के बीच, उप-चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को जो जोरदार पटकणी लगाई थी,
उसके बाद से ही टीवी चैनलो, अखबार मैगजीनों में  सोसिअल मीडिया पर हौव्वा सा बन गया ...
उसे खत्म करने की कोशिश भर थी, आज फ्लाप शो जैसे साबित यह नकली हूँकार रैली ....
जिससे आमजन और मीडिया में राजपूत समाज का उप चुनावों के बाद से ही जो हो-हल्ला बना हुआ है,
उस हौव्वे को खत्म कर दें, तो राजपूत समाज कारण जो भाजपा की कमजोर स्थिति बनी हुई है .....
वो माहौल खत्म हो जाए ..... 
राजपूत समाज, रावणा राजपूत समाज, चारण बारहट समाज, राजपुरोहित समाज तथा सवर्णों मूल ओबीसी, अल्प संख्यक समुदाय सहित जो भी आरक्षण वंचित अन्य जातियां सभी एकजुट हो ....
सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ़ माहौल बनाया उसे खत्म कर दिया जाए ....
आजादी के बाद सत्तर सालों बाद, राजनीतिक दलों की गुलामी छोड़, राजनेताओं का मोह छोड़ ....
जो आंदोलन रूपी यह मूवमैंट खड़ा किया है,  वो माहौल बिखर जाए, छीन्न भीन्न हो, हम सभी की मेहनत संघर्ष पर पानी फिर जाए ....
पर क्षत्रिय राजपूत समाज के साथ हमारे साथ वाले उक्त सभी पारंपरिक साथी सहयोगी समाज,
सब जागरूक और सावधान है, हम ऐसे षड़यंत्रों और चालों में अब फसने वाले नहीं है ....
उन सभी समाजद्रोही तत्वों को हम एकजुटता के साथ करारा मुंहतोड़ जबाब देंगे।
जय राजपूताना

कालवी साहब की हुँकार रैली फ्लाप, यह सब सरकार से मिलीभगत ? या फिर समाज की नजरों में फेल ????  है ....




राजपूत समाज का दबग युवा महेन्द्र सिंह देवलिया

                                        परिचय समाज का जनसेवक महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर से*

आज मैं जिस युवा शख्सियत का परिचय करने जा रहा हूं उसे भले ही कोई नहीं जानता हो पर इस युवा शख्सियत ने समाज के लाखों करोड़ों लोगों का दिल जीता है *जब जब इस भाई का नाम लिया जाएगा तब तब सांवराद प्रकरण 12 जुलाई 2017 याद किया जाएगा* समाज की इस युवा शख्सियत ने सांवराद प्रकरण का दंश झेला है मेरा उद्देश्य इस युवा भाई के यह योगदान को संपूर्ण भारतवर्ष के क्षत्रियों को बताने पोस्ट के माध्यम से!!

महेंद्र सिंह देवलिया
ठिकाना- देवलिया
जिला- जोधपुर
राजस्थान

महेंद्र सिंह देवलिया समाज की वह युवा शख्सियत है जिस उम्र में युवा कॉलेज लाइफ और कॉलेज की पढ़ाई करता है उस दौर में आनंदपाल फर्जी एनकाउंटर की श्रद्धांजलि सभा 12 जुलाई सांवराद में *इस युवा भाई ने समाज के लिए अपने सीने पर गोली खाई है* समाज की इस युवा शख्सियत को भारतवर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज सलाम करता है,
कौन भूल सकता है 12 जुलाई सांवराद मैं इस युवा भाई को पुलिस की गोली पीठ के पीछे लगी और पेट के आर पार हो गई बड़ी दुखद घटना थी पर भाई ने हार नहीं मानी और उस घटना से संघर्ष करता रहा और आज हम सब के बीच है,

वर्तमान में आदरणीय भाई महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर से 15 किलोमीटर दूर अपने गांव देवलिया में अपने परिवार के साथ रहते हैं,

*अब परिचय करवाता हूं सांवराद प्रकरण से लेकर आज तक के संघर्ष से*

महेंद्र सिंह देवलिया अपने साथी मित्रों के साथ जोधपुर से आनंदपाल दादा की श्रद्धांजलि सभा सांवराद में पहुंचे थे पर वहां पर शाम होते-होते तांडव का रूप धारण कर लिया सांवराद और उस तांडव का शिकार आदरणीय भाई महेंद्र सिंह जी देवलिया हो गए,
12 जुलाई 2017 की शाम को लगभग 6:00 से 7:00 बजे के करीब आदरणीय भाई के पुलिस की गोली पीठ पर लगती है और वह गोली आगे की तरफ पेट से निकल जाती है *आदरणीय भाई को तुरंत उपचार के लिए लाडनूं हॉस्पिटल लाया जाता है और वहां से जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल रेफर कर दिया जाता है* यहां पर भाई जिंदगी और मौत से संघर्ष करता है और हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जाता है यहां पर *आदरणीय भाई महेंद्र सिंह देवलिया का तीन ऑपरेशन होता है और करीब 45 दिन हॉस्पिटल में भर्ती रहते हैं* इस दौरान राजपूत सभा भवन जयपुर के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लाेटवाड़ा जी का बहुत अच्छा योगदान रहता है 45 दिन तक की रहने खाने की व्यवस्था और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है,

45 दिन के संघर्ष के बाद भाई अपने घर वापसी करते हैं और घर पर आने के बाद 3 महीने बाद वापस आंत का ऑपरेशन और पेट में लगा डीजे स्टैंड निकलवाना था, यह सब कुछ महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाते हैं वहां पर भाई के दो ऑपरेशन किए जाते हैं फिर भी *भाई को तकलीफ होती रही और 3 महीने तक घर और हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे* सफल ऑपरेशन होने के बाद लगता है कि अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाऊंगा पर तकदीर को कुछ और ही मंजूर था और इंफेक्शन वगैरह की वजह से *नई तकलीफ शुरू हो जाती है और यूरोट नाडु ब्लॉक हो जाती है*
तकलीफ ज्यादा होने लगती है पर घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी फिर भी घर से लाखों रुपए और समाज ने भी खूब पैसे लगा दिए पर राहत नहीं मिली अब *घर की आर्थिक स्थिति से लड़ाई लड़े या फिर अपने जीवन की मजदार में पड़ी नाव से संघर्ष करें,* जब घर से पैसे लगाने के बाद और समाज के आर्थिक सहयोग करने के बावजूद आगे उपचार करवाने के लिए परिवार जब असमर्थ हो जाता है *तब काम आता है सोशल मीडिया,*

*सोशल मीडिया की ताकत और यहां से शुरू होता है राष्ट्रीय करणी सेना का योगदान,*

महेंद्र सिंह देवलिया के परिजन और मित्र जनों द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जाती है सांवराद प्रकरण में लगी गोली को लेकर और उपचार में परिवार असमर्थ को लेकर,
जैसे ही यह पोस्ट और खबर राष्ट्रीय करणी सेना और सुप्रीमो सुखदेव सिंह जी गोगामेडी के पास पहुंचती है उसके अगले दिन महेंद्र सिंह देवलिया से जोधपुर मिलने पहुंच जाते हैं,
*सुप्रीमो दादा सुखदेव सिंह गोगामेडी ने संपूर्ण जानकारी लेकर तुरंत गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय करणी सेना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज दादा को फोन करते हैं और पूरी घटनाक्रम की जानकारी देते हैं जैसे ही राज दादा को महेंद्र सिंह देवलिया की संपूर्ण जानकारी मिलती है वैसे ही राज दादा दानदाता की भूमिका निभाते हैं और तुरंत प्रभाव से राज दादा ने महेंद्र सिंह देवलिया के बैंक अकाउंट में ₹11000 डल आते हैं और आगे का संपूर्ण इलाज का एलान करते हैं और अगले दिन ही अहमदाबाद इलाज के लिए बुलाते हैं,*
अगले दिन महेंद्र सिंह देवलिया के परिजन और राष्ट्रीय करनी सेना की टीम अहमदाबाद पहुंच जाती है *सभी की व्यवस्था राष्ट्रीय करणी सेना उपाध्यक्ष राज दादा करते हैं,* यहां पर महेंद्र सिंह देवलिया का 4 महीने तक इलाज होता है और दो ऑपरेशन किए जाते हैं राज दादा की टीम की तरफ से 3 लोग होटल से हॉस्पिटल, हॉस्पिटल से होटल महेंद्र सिंह देवलिया की देखरेख में लगा दिए जाते हैं *पूरे 4 महीने तक के लिए और संपूर्ण खर्चा और होटल की व्यवस्था राज दादा की तरफ से की जाती है* 4 महीने के लंबे इलाज के बाद और दो सफल ऑपरेशन के बाद महेंद्र सिंह जब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते हैं तब राष्ट्रीय करणी सेना के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह देवलिया को अपने घर राजस्थान जोधपुर के लिए पूरी जवाबदारी से अहमदाबाद से रवाना करते हैं, *राज दादा के द्वारा किए गए अच्छा इलाज के द्वारा आज महेंद्र सिंह देवलिया पूर्ण रूप से स्वस्थ है* और पिछले 2 महीने से संपूर्ण प्रकार की दवाइयां बंद कर दी गई है और आज महेंद्र सिंह देवलिया एक स्वस्थ और सामान्य जिंदगी जी रहे हैं *भारत वर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रीमो सुखदेव सिंह गोगामेडी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज दादा काे सलाम करता है और उम्मीद करता है आगे भी इसी प्रकार समाज हित के लिए तत्पर रहेंगे,*

इस संपूर्ण घटनाक्रम में जोधपुर राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष हनुमान सिंह जी खांगटा के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता है उन्होंने भी बहुत सहयोग दिया है

महेंद्र सिंह देवलिया को भारतवर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज और मेरे जैसे लाखों युवा सलाम करते हैं कि भाई ने छोटी सी उम्र में समाज के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी, कहने को ज्यादा शब्द नहीं है पर आदरणीय बड़े भाई के संघर्ष को समाज नतमस्तक होकर सलाम करता है *आपने 12 जुलाई 2017 से लेकर आज तक जो पीड़ा सहन की है वह शायद शब्दों में मैं बयान नहीं कर पाऊंगा* आपके इस संघर्ष का क्षेत्रीय समाज हमेशा ऋणी रहेगा,

*नाेट- समाज के द्वारा जो महेंद्र सिंह देवलिया को आर्थिक सहायता मिली थी वह लगभग चार लाख के करीब थी*

कुलदेवी जमवाय माता से प्रार्थना करूंगा आदरणीय बड़े भाई महेंद्र सिंह देवलिया पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाए रखें!! 


जय मां भवानी
जय छात्र धर्म
जय राजपूताना

राजपूत समाज के दबग युवा मनोहर सिंह घोड़ीवाला

                                     परिचय समाज के जनसेवक मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला झुंझुनू से*

राजस्थान का संपूर्ण क्षत्रिय समाज मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला से परिचित है और भारत के कुछ राज्य के क्षेत्रीय समाज के लोग भी परिचित हैं आज मैं संपूर्ण भारतवर्ष के क्षेत्रीय समाज को मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला से परिचित करवाना चाहता हूं पोस्ट के माध्यम से!! 

मनोहर सिंह
ठिकाना- घोड़ीवाला
जिला- झुंझुनू
राजस्थान

मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला समाज की वह शख्सियत है जो किसी पहचान के मोहताज नहीं जिसने धार्मिक क्षेत्र से लेकर समाज के संघर्ष तक क्षत्रिय समाज का साथ और सहयोग दिया है और इनका योगदान वर्तमान में भी दोनों क्षेत्र में जारी है, 
कहते हैं जब धार्मिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ व्यक्ति समाज की कामना संभालता है तो समाज निश्चित रूप से जीत की ओर अग्रसर होता है *सेवाभावी व्यक्तित्व के धनी मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला*


शुरूवाती जीवन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के रहे हैं इसीलिए *दानदाता के रूप में भी अपनी पहचान रखते हैं* धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में ही नहीं अपितु राजस्थान में एक दान दाता के रूप में भी जाने जाते हैं *नुआ रोड पर साढे़ तीन बीघा जमीन 33 केवी जीएसएस के लिए उन्होंने दान कर दानदाता की भूमिका निभाई* इन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के लिए शिक्षा व आर्थिक सहायता के लिए समय-समय पर आर्थिक सहयोग भी किया है, 

वर्तमान में संघर्षशील है समाज के लिए और समाज के युवाओं का कुशल नेतृत्व कर रहे हैं, 
इन्होंने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में शुरुआत झुंझुनू जिला अध्यक्ष के रूप में की थी पर इनके संघर्ष को देखते हुए *राष्ट्रीय करणी सेना में इनको राष्ट्रीय लेवल के पदाधिकारी बनाए गए और राष्ट्रीय महामंत्री का पद दिया गया* जिसकी जिम्मेदारी बखूबी रूप से निभा रहे हैं,

मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला के बारे में कहा जाता है कि ये ईमानदार स्वच्छ और धार्मिक प्रवृत्ति के हैं *इसलिए इन्हें स्थानीय घोड़ीवारा बालाजी मंदिर ट्रस्ट का सचिव बनाया गया*

धार्मिक प्रवृत्ति के होने की वजह से इन्होंने हमेशा राष्ट्रहित को भी सर्वोपरि समझा हैं इसीलिए इन्होंने तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया था और मिशन को सफल अंजाम तक पहुंचाने में *अहम भूमिका निभाई थी जयपुर से लेकर श्रीनगर तक*
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया और समाज के प्रत्येक आंदोलनों में अपनी अहम भूमिका निभाई, 

*आनंदपाल प्रकरण से लेकर मां पद्मावती तक के आंदोलन में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई है* विधानसभा घेराव में भी उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है *श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में श्री 1008 बाबा जी के नाम से भी जाना जाते है* सुखदेव दादा के साथ में मिलकर इन्होंने काफी संघर्ष किया है और बहुत लंबा सफर तय किया है क्षत्रिय समाज और राष्ट्रीय करणी सेना के लिए, 
यह सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र से जुड़े होने की वजह से इनकी राजनीतिक पकड़ भी बहुत मजबूत है,

*इन्होंने हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित किया है और उन्हें सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है* इस वजह से युवा इनसे प्रभावित होते हैं और काफी ज्यादा लगाव रखते हैं इनको नजदीकी रूप से जानने पहचानने वाले लोग कहते हैं कि यह हमेशा सादा जीवन जीते हैं इसकी सबसे बड़ी वजह धार्मिक प्रवृत्ति है, 

इनसे सर्वे समाज भी काफी ज्यादा जुड़ा हुआ है *यह सर्व समाज में भी काफी मान सम्मान और प्रतिष्ठा रखते हैं* 
मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला सुर्खियों में सबसे ज्यादा उस वक्त आए थे जब सुखदेव दादा पर शार्कसूटर का खतरा मंडरा रहा था और उनको जान का खतरा था समाज उनको राजकीय सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए संघर्ष कर रहा था उस वक्त *मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला ने दादा सुखदेव सिंह गोगामेडी को राजकीय सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए 6 दिन का आमरण अनशन किया था झुंझुनू जिले में,*

समाज के प्रत्येक कार्य में उन्होंने बढ़-चढ़कर अहम भूमिका निभाई है 
चाहे आनंदपाल प्रकरण हाे,
चाहे मां पद्मावती का आंदोलन हो, 
चाहे विधानसभा घेराव हाे, 
आनंदपाल दादा की पुण्यतिथि पर ब्लड डोनेशन कैंप हाे, 
चाहे धार्मिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ मामले हो, 
चाहे देश के गद्दारों द्वारा ललकारे गए मां भारती के सपूतों के लिए तिरंगा यात्रा हो, 

जय मां भवानी 
जय छात्र धर्म

यह है राजपूतो के गजेन्द्र सिंह गोदरास

                                         परिचय समाज के जनसेवक गजेंद्र सिंह गोदरास नागौर से*
आज मैं जिस शख्स का जीवन परिचय करवाने जा रहा हूं उसे भले ही राजस्थान के या बाहर के लोग नहीं जानते हो पर उनके संघर्ष को बड़े-बड़े लोग सलाम करते हैं जो लोग जानते पहचानते हैं उनको परिचय करवाना जरूरी नहीं पर मैं आज संपूर्ण भारतवर्ष के ऐसे छुपी हुई हस्तियों को बाहर लाना चाहता हूं समाज की पोस्ट के माध्यम से!! 

गजेंद्र सिंह राठौड़
ठिकाना- गोदरास
जिला- नागौर
राजस्थान

गजेंद्र सिंह गोदरास समाज की वह शख्सियत है जिसने धरातल पर संघर्ष करके सर्व समाज में जो पहचान बनाई है काबिलियत तारीफ हैं क्षत्रिय समाज में ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिसने छोटी सी उम्र में सर्व समाज में जो लोकप्रियता हासिल की है वह भी बिना किसी नाम को हाईलाइट करके, ऐसी शख्सियतों को आगे लाकर आगे बढ़ाना चाहिए क्योंकि यह सर्व समाज को साथ लेकर चलने वाली शख्सियतों में है और वास्तव में क्षेत्रीय धर्म भी यही होता है जो सभी को साथ लेकर चल सके,
*ऐसे लोग क्षत्रिय समाज और सर्व समाज के लिए संघर्ष के मैदान में डटे रहते हैं,*

गजेंद्र सिंह गोदरास वर्तमान में जयपुर अपने परिवार के साथ रहते हैं अपने गांव की मिट्टी को छोड़कर जयपुर आए हैं और बहुत जल्द एक नई पारी की शुरुआत करेंगे, 

गजेंद्र सिंह गोदरास दादा राजपूत समाज में ही नहीं अपितु सर्व समाज मैं एक उभरता हुआ लोकप्रिय युवा शख्सियत है, इनके धरातल के संघर्ष को और धरातल की पकड़ को बड़े-बड़े लोग नतमस्तक होकर सलाम करते हैं *जब भी किसी भी प्रकार के कार्य में सर्व समाज का नाम आता है तब तब युवा शख्सियतों में गजेंद्र सिंह गोदरास को याद किया जाता है* इन्होंने कई बार बड़े-बड़े प्रोग्राम करवा कर सर्व समाज के यह साबित कर दिखाया है की एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाला एक युवा शख्सियत कैसे आगे बढ़ सकता है जो ना किसी संगठन से ताल्लुक रखता है ना किसी राजनीतिक पार्टी से ताल्लुक रखता है सिर्फ एक उद्देश्य सही के साथ खड़ा रहने का, 

*यह वह शख्सियतों में आते हैं जिनका विरोधी ढूंढने से भी नहीं मिल सकते चाहे समाज हो या सर्व समाज* क्षत्रिय समाज को ऐसे ही होनहार युवा शख्सियतों की वर्तमान में जरूरी है जो अपनी पकड़ और संघर्ष के धरातल से समाज का भला कर सके और एक ऊंची उड़ान उठ सके, 
सादा जीवन उच्च विचार बिना किसी भेदभाव के जीवन यापन करना कोई युवा सीख सकता है तो वह गजेंद्र सिंह गोदरास जैसी युवा शख्सियतों से सीख सकता है, 

*ऐसी युवा शख्सियतों को अगर समाज की छुपी हुई युवा शख्सियत कहा जाए तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी,* 
क्योंकि इनका संघर्ष बोलता है धरातल की मेहनत बताती है कि यह शख्सियत गजेंद्र सिंह गोदरास है इन्होंने सर्व समाज के बड़े-बड़े प्रोग्राम कराएं हैं *चाहे वह सामाजिक प्रोग्राम हो, चाहे वह धार्मिक प्रोग्राम हो, चाहे वह अन्य प्रकार के प्रोग्राम हाे* इस युवा शख्सियत ने सर्व समाज की हजारों की भीड़ एक जगह एक जाजम पर कर दिखाई है, 

*इनकी धरातल की पकड़ और धरातल के संघर्ष को मैं सलाम करता हूं* और उम्मीद करता हूं मेरा आदरणीय बड़े भाई इसी प्रकार संघर्ष करके उस बुलंदी पर जरूर एक दिन पहुंचेगा जिसकी उम्मीद सर्व समाज के मेरे जैसे हजारों युवा करते हैं
ऐसी शख्सियत पर में समाज विशेष का स्टीकर लगा कर गुणगान करूं तो शायद नाइंसाफी होगी क्योंकि इन्होंने क्षत्रिय धर्म निभाते हुए हमेशा सर्व समाज को साथ लेकर चले है इसलिए मैं यहां पर समाज विशेष का बखान नहीं करना चाहता क्योंकि अभी आदरणीय बड़े भाई को एक ऊंची उड़ान होनी है, 

इनके पिता श्री भी पुलिस प्रशासन में अधिकारी थे और उन्होंने भी प्रशासनिक सेवा में रहते हुए कपि समाज सेवा की है और उन्हीं के पद चिन्हों पर आदरणीय बड़े भाई गजेंद्र सिंह जी चल रहे हैं हमारी शुभकामनाएं आदरणीय भाई के साथ, जो इन से धरातल पर जुड़ा हुआ है और जो इन से नजदीकी संबंध रखता है उनके अनुसार यह इतनी अहमियत रखते हैं कि *यह आज के वक्त अपनी मिट्टी मतलब गांव में सरपंच पद की दावेदारी करते हैं तो यह दावे के साथ कह सकता हूं कि इस युवा शख्सियत को निर्विरोध सरपंच बनाया जा सकता है सर्व समाज के सर्व समिति के निर्णय से* यह मेरे निजी विचार है क्योंकि मैंने इनका संघर्ष धरातल पर देखा है और कुछ चीजों का मैं खुद गवा रहा हूं

क्योंकि इन्होंने संघर्ष समाज विशेष के लिए नहीं सभी के लिए किया है पर जब जब इनकी समाज काे जरूरत पड़ी है तो ये हमेशा आगे बढ़कर संघर्ष किया है समाज के लिए भी, 
अगर इनको समाज की उभरती हुई युवा शख्सियत कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा ऐसी शख्सियतों को पहचान हाेगा और आगे लाना होगा क्योंकि इनकी पकड़ प्रत्येक क्षेत्र में रहिए और आने वाले समय युवाओं का है !!

जय मां भवानी 
जय क्षात्र धर्म

Friday, 26 October 2018

अपनी अलग पहचान रखने वाले राजपूत समाज के जयवीर सिंह सुरेरा

                                              
                                                समाज के जनसेवक जयवीर सिंह सुरेरा सीकर से* 

आज मैं जिस युवा शख्सियत का परिचय कराने जा रहा हूं वो *राजनीति और सामाजिक दोनों क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं* सामाजिक संगठनों में रहते हुए इस प्रकार राजनीतिक कद बढ़ाना लगातार किसी चाणक्य नीति से कम नहीं है वह भी प्रसिद्ध राजनीतिक पार्टी में बहुत बड़े सम्मान की बात है यह
मेरा उद्देश्य इनका जीवन परिचय करवाने का यही है कि इनसे समाज के युवा भाइयों को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है मेरी इस पोस्ट के माध्यम से!!

जयवीर सिंह शेखावत
ठिकाना- सुरेरा
जिला- सीकर
राजस्थान

जयवीर सिंह जी सुरेरा समाज की वह उभरती हुई राजनीतिक और सामाजिक शख्सियत है *जिसने दोनों क्षेत्रों में अपना संघर्ष का लोहा मनवाया है मैं इनके संघर्ष को सलाम करता हूं* बहुत कम युवा भाई लोग होंगे जो सामाजिक संगठनों से जुड़कर भी राजनीति में एक अलग पहचान रखते हैं और चाणक्य नीति अपनाते हैं क्योंकि समाज विशेष के संगठन से जुड़ने के बाद लोगों के द्वारा जातिवाद का ठप्पा लगा दिया जाता है और कहीं ना कहीं राजनीति कद में पीछे धकेल दिया जाता है *पर इन भ्रांतियाँ को तोड़ के दिखाए है आदरणीय जयवीर सिंह जी भाई साहब ने,*
जब जब समाज ने कोई आंदोलन किया विरोध प्रदर्शन किया है तब तब जयवीर सिंह जी सुरेरा ने उसका नेतृत्व बढ़-चढ़कर किया है और *फिर भी वहां से चुनाव लड़ना और जीतना जहां पर समाज के नाम मात्र के वोट हो बड़ी आश्चर्य की बात है* समाज का युवा इन से बहुत कुछ सीख सकते हैं सामाजिक संगठन में रहकर किस प्रकार राजनीतिक कद बढ़ाया जा सकता है अपना,

आदरणीय जयवीर सिंह जी भाई साहब वर्तमान में सीकर जिले के दातारामगढ़ तहसील के सुरेरा गांव में रहते हैं अपने परिवार के साथ *यह खुद अपने गांव से उपसरपंच और इनकी धर्मपत्नी पंचायत समिति सदस्य है कांग्रेस पार्टी से,*

जयवीर सिंह जी सुरेरा राजनीतिक पार्टी में युवाओं के बहुत लोकप्रिय शख्सियत है सर्वे समाज की और सामाजिक संगठनों में इनके संघर्ष को बड़े-बड़े लोग सलाम करते हैं *इनको सामाजिक और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में सर्व समाज के युवा भाई बहुत मान-सम्मान देते हैं* आदरणीय जयवीर सिंह जी भाई साहब साफ़ छवि ईमानदार और नेक दिल इंसान है यह हमेशा समाज के साथ साथ सर्व समाज के लोगों के सुख दुख में हमेशा खड़े रहते हैं बात जब समाज पर आती है तो यह अपना राजनीतिक केरियर को छोड़कर समाज के साथ खड़े रहते हैं और *बड़े गर्व के साथ कहते हैं जो अपने समाज का नहीं वो किसी का नहीं* सर्वप्रथम समाज को सर्वोपरि समझते हैं उसके बाद में राजनीति को,

यह हमेशा गरीबों के सुख दुख में शुरू से ही साथ खड़े रहे है जब इनके पास में इनका खुद का टेंट हुआ करता था उस वक्त *अगर किसी गरीब परिवार के टेंट की आवश्यकता होती उस वक्त यह निशुल्क संपूर्ण टेंट की व्यवस्था करवाते अपनी तरफ से* यहीं से इनका सामाजिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत होती है,

इन्होंने अपना राजनीतिक जीवन की शुरुआत सन 2009 में निर्विरोध वार्ड पंच का चुनाव जीतकर किया और *पहली बार में ही निर्विरोध वार्ड पंच का चुनाव जीतकर उसी वक्त निर्विरोध उपसरपंच का चुनाव भी जीत जाते हैं* उपसरपंच बनने के बाद गांव के कई जटिल मुद्दे और गांव का संपूर्ण विकास में अपनी भागीदारी निभाई साथ में सामाजिक संगठनों से जुड़कर समाज हित के लिए भी कार्य करते रहें उसमें यह करणी सेना के तहसील संयोजक हुआ करते थे उसमें इनके द्वारा खारी जोधा गांव के धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को न्याय दिलाने के लिए जो संघर्ष किया वह कौन भूल सकता है *समाज हित के लिए इन्होंने मृत्यु भोज को बंद करने के लिए संघर्ष किया,* जब यह अपने गांव के उपसरपंच थे उसी वक्त हरिओम गौशाला के कोषाध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया,
यह 2 साल तक श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के दातारामगढ़ के तहसील अध्यक्ष रहे *उसके बाद इन्हें 2016 में सीकर जिले का उपाध्यक्ष बना दिया गया राष्ट्रीय करणी सेना का* हालांकि यह चाहते तो प्रदेश कार्यकारिणी में भी जा सकते थे पर राजनीतिक में होने की वजह से सीकर तक ही अपने आप को सीमित रखा कि सामाजिक संगठनों से जुड़कर समाज हित के लिए भी कार्य किया जा सके और राजनीतिक कैरियर में भी अपना भाग्य आजमाया जा सके,

12 जुलाई 2017 को जब सांवराद में आनंदपाल दादा की श्रद्धांजलि सभा हो रही थी उस वक्त इन्होंने दातारामगढ़ से नेतृत्व करके काफी संख्या में राजपूत समाज के लोग लेकर गए *और उस दिन वहां पर सुई गांव के भाई रमेश परमार की अचानक तबियत खराब हो जाती है सांवराद में उन्हें तुरंत सीकर लाकर भर्ती करवाया जाता है और उनका उपचार करवाया जाता है पर होनी को कुछ और ही मंजूर था उस आदरणीय भाई को बचाया नहीं जा सका* इसके बाद जब सांवराद प्रकरण होने के बाद जब दातारामगढ़ के समाज के युवा भाइयों को पुलिस के द्वारा झूठे मुकदमे में फंसाने का काम शुरू किया जाता है तब यह दाता रामगढ़ के समाज के लोगों को संगठित करके *पुलिस थाना अधिकारी को ज्ञापन देते हैं और खुले शब्दों में कहते हैं कि अगर युवा भाइयों को निर्दोष मामले में फंसाया गया तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे,*
चाहे मां पद्मावती का आंदोलन हो,
चाहिए सांवराद प्रकरण हो चाहे, सामराऊ कांड हो ,या अन्य किसी प्रकार का समाज का आंदोलन हो इन्होंने हमेशा बढ़ चढ़कर उस में अपनी अहम भूमिका निभाई है,

*इसके बावजूद जब फिर से गांव में उप सरपंचों के चुनाव होते हैं तो एक बार फिर से यह अपनी चाणक्य नीति से निर्विरोध उपसरपंच दूसरी बार लगातार बनाए जाते हैं पता नहीं क्या करिश्माई निति हैे इनके पास जहां समाज के वोट नाम मात्र के वहां लगातार दो बार उपसरपंच वह भी निर्विरोध*

जब इनकी धर्मपत्नी पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे उस वक्त उनके प्रतिद्वंद्वी के परिवार में कोई सड़क दुर्घटना हो जाती है उस वक्त यह क्षत्रिय धर्म निभाते हुए अपना संपूर्ण चुनावी कार्यों को छोड़कर उन्हें तुरंत प्रभाव से गंभीर अवस्था में जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती करवाते हैं और अति शीघ्र उपचार उपलब्ध करवाया जाता है जिससे उन दोनों बच्चों की जान बच जाती है *हा आज के जमाने में कोई इस प्रकार का राजनीतिक में दरिया दिल इंसान जो अपने प्रतिद्वंद्वी को भूल कर मानवता धर्म निभाता हाे* उनकी राजनीतिक पकड़ इस बात से लगाया जा सकता है कि इन्हें दातारामगढ़ से कांग्रेस पार्टी से उपप्रधान का चुनाव लड़ा जाता है, सामाजिक हित और राजनीतिक हित में कार्य काे देखकर इन्हें अभी फिलहाल कुछ दिन पहले *कांग्रेस पार्टी से दातारामगढ़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के महासचिव पद पर नियुक्ति की गई है*

जय मां भवानी
जय क्षात्र धर्म

सावराद के सार्थी सीमा सिंह

                            समाज की जनसेविका सांवराद प्रकरण की नारी शक्ति सीमा रघुवंशी दिल्ली

भारत वर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज इस जनसेविका से परिचित है यह किसी परिचय की मोहताज नहीं *क्योंकि इस क्षत्राणी ने समाज के लिए 45 दिन जेल में बिताए हैं सांवराद प्रकरण में* फिर भी जो लोग नहीं जानते उनको इस पोस्ट के माध्यम से परिचित करवाना चाहता हूं!!

*सीमा रघुवंशी राजस्थान की बहू और दिल्ली की बेटी है*
सीमा रघुवंशी
ठिकाना- मिर्जापुर
जिला- बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश
*वर्तमान निवास स्थान दिल्ली है क्योंकि परिवार के लोग 80 साल से दिल्ली ही निवास कर रहे हैं*

सीमा रघुवंशी जीजा समाज की वह शख्सियत है जिसका दुर्गा का तांडव रूप सांवराद प्रकरण में देखा है लोगों ने *उन्होंने यह साबित करके दिखाया है कि क्षत्राणी किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं है* हालांकि इन पर सांवराद प्रकरण में उपद्रव फैलाने का आरोप लगाया जाता है पर मैं इस बात से कभी सहमत नहीं हु कि इन्होंने सांवराद प्रकरण उपद्रव्य फैलाया *अगर वाकई सांवराद प्रकरण उपद्रव का किसी पर आरोप लगाना उचित है तो वह है सरकार* राजपूत कॉम को आप झूठे आश्वासन देकर सुबह से भूखे प्यासे 9 घंटे शांति से नहीं बिठा सकते जब छत्रिय समाज के लोग सुबह से लगातार 9,10 घंटे शांति से बैठे रहे तो उनका सब्र का बांध टूट पड़ा और राजपूती खून ने उबाल मार दिया *और अपने ही समाज के लोग आरोप सीमा सिंह रघुवंशी पर लगाते हैं* उनकी गलती सिर्फ यह थी कि उन्होंने जोशीला भाषण दे दिया,

घर परिवार की तमाम जिम्मेदारियां और उसके बावजूद भारत के किसी भी कोने में समाज के लिए संघर्ष करने के लिए चल पड़ना वह भी एक क्षत्राणी *आपके जोश और जज्बे को यह क्षेत्रीय समाज सलाम करता है,*

क्षत्रिय समाज में अगर भारत देश में नारी शक्ति के रूप में किसी ने दबंग क्षत्राणी के रूप में पहचान बनाई है तो वह है सीमा सिंह रघुवंशी जीजा हुक्म

सांवराद प्रकरण में इनके जोश जुनून और जज्बात से सभी परिचित हैं वह एक अलग बात है कि सरकार ने राजपूत समाज पर जो दमनकारी नीति अपनाई है उसकी सबसे बड़ी शिकार सीमा सिंह रघुवंशी हुई,
सांवराद प्रकरण में इनका संपूर्ण जीवन सरकार की दमनकारी नीति का शिकार होकर दावे पर लग गया *सांवराद प्रकरण में इन पर कुल 46 धाराएं लगाई गई और 14 मुकदमे दर्ज किए गए* जिसमें से अभी फिलहाल 22 धाराएं और 10 मुकदमे और बच्चे हैं
*इनके ऊपर सबसे बड़ा मुकदमा लगा वह रेलवे का लगा 3500 करोड रुपए का जो फिलहाल अभी भी चल रहा है*
सांवराद प्रकरण में 10 मुकदमे फिलहाल चल रहे हैं इन पर जिसमें से सिर्फ *एक में जमानत हुई है बाकी 9 में अभी बाकी है*
सांवराद प्रकरण में अगर किसी पर सबसे ज्यादा मुकदमें और सबसे ज्यादा धारा लगी है तो वह यही शेरनी सीमा सिंह रघुवंशी है *सीबीआई जांच चल रही है वह अलग* सीबीआई ने सांवराद प्रकरण को लेकर इनसे कई बार पूछताछ भी कर चुकी है,

जो लोग इनका विरोध करते हैं उनको सोचना चाहिए कि एक क्षत्राणी समाज के लिए 45 दिन जेल में रहकर आई है क्या उस क्षत्राणी पर आरोप प्रत्यारोप लगाना सही है उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन दावे पर लगा दिया *समाज हमेशा इनका ऋणी रहेगा एक क्षत्राणी होकर समाज के लिए 45 दिन जेल में बिता कर आए हैं,*
इन्होंने कई सामाजिक संगठनों का प्रतिनिधित्व भी किया है और अभी फिलहाल यह अखिल क्षेत्रीय राजपूत महासभा महिला राष्ट्रीय प्रभारी है और हरियाणा राजस्थान दिल्ली की प्रदेश अध्यक्ष भी है इनके साथ में यह शहीदों के लिए भी कार्य करते हैं इनका खुद का एक ट्रस्ट है जिसका नाम *अखिल क्षेत्रीय शहीद राजपूताना ट्रस्ट है* जो शहीदों के लिए संपूर्ण रूप से समर्पित है और उनके लिए कार्य करता है,
लाेग इनको दबंग शेरनी भी कहते हैं क्योंकि यह अकेले अपने दम पर किसी से भी हर प्रकार से लड़ने का माद्दा रखते हैं अभी दिल्ली में इन्होंने St Sc एक्ट के खिलाफ दमदार तरीके से अपनी आवाज बुलंद की थी इस काले कानून के खिलाफ और *यह St Sc एक्ट के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट से केस लड़ रहे हैं* न्यूज़ पत्रकारिता और टीवी पत्रकारिता में यह क्षत्रिय समाज की बात बड़ी दमखम के साथ और दबंग तरीके से रखते हैं इसलिए भी यह दबंग शेरनी की पहचान रखते हैं,
अन्य प्रकार के सामाजिक कार्यों से भी यह जुड़े रहते हैं और जहां भी इनकी जरूरत पड़ती है वहां पहुंच जाते हैं समाज के लिए,

मैं विशेष निवेदन करना चाहूंगा राजपूत समाज के भाइयों से अगर किसी राजपूत भाई को जॉब की सख्त आवश्यकता हो तो इनसे संपर्क करें यह राजपूत भाइयों को जॉब लगाने में बहुत हेल्प करते हैं और कई भाइयो को नौकरी लगाई है 

*अतः मेरे युवा भाइयों को जॉब की आवश्यकता हो इन से तुरंत प्रभाव से संपर्क करें,*

जय मां भवानी
जय क्षत्राणी
जय क्षात्र धर्म