परिचय समाज के जनसेवक मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला झुंझुनू से*
राजस्थान का संपूर्ण क्षत्रिय समाज मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला से परिचित है और भारत के कुछ राज्य के क्षेत्रीय समाज के लोग भी परिचित हैं आज मैं संपूर्ण भारतवर्ष के क्षेत्रीय समाज को मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला से परिचित करवाना चाहता हूं पोस्ट के माध्यम से!!
मनोहर सिंह
ठिकाना- घोड़ीवाला
जिला- झुंझुनू
राजस्थान
मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला समाज की वह शख्सियत है जो किसी पहचान के मोहताज नहीं जिसने धार्मिक क्षेत्र से लेकर समाज के संघर्ष तक क्षत्रिय समाज का साथ और सहयोग दिया है और इनका योगदान वर्तमान में भी दोनों क्षेत्र में जारी है,
कहते हैं जब धार्मिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ व्यक्ति समाज की कामना संभालता है तो समाज निश्चित रूप से जीत की ओर अग्रसर होता है *सेवाभावी व्यक्तित्व के धनी मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला*
शुरूवाती जीवन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के रहे हैं इसीलिए *दानदाता के रूप में भी अपनी पहचान रखते हैं* धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में ही नहीं अपितु राजस्थान में एक दान दाता के रूप में भी जाने जाते हैं *नुआ रोड पर साढे़ तीन बीघा जमीन 33 केवी जीएसएस के लिए उन्होंने दान कर दानदाता की भूमिका निभाई* इन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के लिए शिक्षा व आर्थिक सहायता के लिए समय-समय पर आर्थिक सहयोग भी किया है,
वर्तमान में संघर्षशील है समाज के लिए और समाज के युवाओं का कुशल नेतृत्व कर रहे हैं,
इन्होंने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में शुरुआत झुंझुनू जिला अध्यक्ष के रूप में की थी पर इनके संघर्ष को देखते हुए *राष्ट्रीय करणी सेना में इनको राष्ट्रीय लेवल के पदाधिकारी बनाए गए और राष्ट्रीय महामंत्री का पद दिया गया* जिसकी जिम्मेदारी बखूबी रूप से निभा रहे हैं,
मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला के बारे में कहा जाता है कि ये ईमानदार स्वच्छ और धार्मिक प्रवृत्ति के हैं *इसलिए इन्हें स्थानीय घोड़ीवारा बालाजी मंदिर ट्रस्ट का सचिव बनाया गया*
धार्मिक प्रवृत्ति के होने की वजह से इन्होंने हमेशा राष्ट्रहित को भी सर्वोपरि समझा हैं इसीलिए इन्होंने तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया था और मिशन को सफल अंजाम तक पहुंचाने में *अहम भूमिका निभाई थी जयपुर से लेकर श्रीनगर तक*
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया और समाज के प्रत्येक आंदोलनों में अपनी अहम भूमिका निभाई,
*आनंदपाल प्रकरण से लेकर मां पद्मावती तक के आंदोलन में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई है* विधानसभा घेराव में भी उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है *श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में श्री 1008 बाबा जी के नाम से भी जाना जाते है* सुखदेव दादा के साथ में मिलकर इन्होंने काफी संघर्ष किया है और बहुत लंबा सफर तय किया है क्षत्रिय समाज और राष्ट्रीय करणी सेना के लिए,
यह सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र से जुड़े होने की वजह से इनकी राजनीतिक पकड़ भी बहुत मजबूत है,
*इन्होंने हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित किया है और उन्हें सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है* इस वजह से युवा इनसे प्रभावित होते हैं और काफी ज्यादा लगाव रखते हैं इनको नजदीकी रूप से जानने पहचानने वाले लोग कहते हैं कि यह हमेशा सादा जीवन जीते हैं इसकी सबसे बड़ी वजह धार्मिक प्रवृत्ति है,
इनसे सर्वे समाज भी काफी ज्यादा जुड़ा हुआ है *यह सर्व समाज में भी काफी मान सम्मान और प्रतिष्ठा रखते हैं*
मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला सुर्खियों में सबसे ज्यादा उस वक्त आए थे जब सुखदेव दादा पर शार्कसूटर का खतरा मंडरा रहा था और उनको जान का खतरा था समाज उनको राजकीय सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए संघर्ष कर रहा था उस वक्त *मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला ने दादा सुखदेव सिंह गोगामेडी को राजकीय सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए 6 दिन का आमरण अनशन किया था झुंझुनू जिले में,*
समाज के प्रत्येक कार्य में उन्होंने बढ़-चढ़कर अहम भूमिका निभाई है
चाहे आनंदपाल प्रकरण हाे,
चाहे मां पद्मावती का आंदोलन हो,
चाहे विधानसभा घेराव हाे,
आनंदपाल दादा की पुण्यतिथि पर ब्लड डोनेशन कैंप हाे,
चाहे धार्मिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ मामले हो,
चाहे देश के गद्दारों द्वारा ललकारे गए मां भारती के सपूतों के लिए तिरंगा यात्रा हो,
जय मां भवानी
जय छात्र धर्म
राजस्थान का संपूर्ण क्षत्रिय समाज मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला से परिचित है और भारत के कुछ राज्य के क्षेत्रीय समाज के लोग भी परिचित हैं आज मैं संपूर्ण भारतवर्ष के क्षेत्रीय समाज को मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला से परिचित करवाना चाहता हूं पोस्ट के माध्यम से!!
मनोहर सिंह
ठिकाना- घोड़ीवाला
जिला- झुंझुनू
राजस्थान
मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला समाज की वह शख्सियत है जो किसी पहचान के मोहताज नहीं जिसने धार्मिक क्षेत्र से लेकर समाज के संघर्ष तक क्षत्रिय समाज का साथ और सहयोग दिया है और इनका योगदान वर्तमान में भी दोनों क्षेत्र में जारी है,
कहते हैं जब धार्मिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ व्यक्ति समाज की कामना संभालता है तो समाज निश्चित रूप से जीत की ओर अग्रसर होता है *सेवाभावी व्यक्तित्व के धनी मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला*
वर्तमान में संघर्षशील है समाज के लिए और समाज के युवाओं का कुशल नेतृत्व कर रहे हैं,
इन्होंने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में शुरुआत झुंझुनू जिला अध्यक्ष के रूप में की थी पर इनके संघर्ष को देखते हुए *राष्ट्रीय करणी सेना में इनको राष्ट्रीय लेवल के पदाधिकारी बनाए गए और राष्ट्रीय महामंत्री का पद दिया गया* जिसकी जिम्मेदारी बखूबी रूप से निभा रहे हैं,
मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला के बारे में कहा जाता है कि ये ईमानदार स्वच्छ और धार्मिक प्रवृत्ति के हैं *इसलिए इन्हें स्थानीय घोड़ीवारा बालाजी मंदिर ट्रस्ट का सचिव बनाया गया*
धार्मिक प्रवृत्ति के होने की वजह से इन्होंने हमेशा राष्ट्रहित को भी सर्वोपरि समझा हैं इसीलिए इन्होंने तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया था और मिशन को सफल अंजाम तक पहुंचाने में *अहम भूमिका निभाई थी जयपुर से लेकर श्रीनगर तक*
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया और समाज के प्रत्येक आंदोलनों में अपनी अहम भूमिका निभाई,
*आनंदपाल प्रकरण से लेकर मां पद्मावती तक के आंदोलन में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई है* विधानसभा घेराव में भी उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है *श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में श्री 1008 बाबा जी के नाम से भी जाना जाते है* सुखदेव दादा के साथ में मिलकर इन्होंने काफी संघर्ष किया है और बहुत लंबा सफर तय किया है क्षत्रिय समाज और राष्ट्रीय करणी सेना के लिए,
यह सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र से जुड़े होने की वजह से इनकी राजनीतिक पकड़ भी बहुत मजबूत है,
*इन्होंने हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित किया है और उन्हें सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है* इस वजह से युवा इनसे प्रभावित होते हैं और काफी ज्यादा लगाव रखते हैं इनको नजदीकी रूप से जानने पहचानने वाले लोग कहते हैं कि यह हमेशा सादा जीवन जीते हैं इसकी सबसे बड़ी वजह धार्मिक प्रवृत्ति है,
इनसे सर्वे समाज भी काफी ज्यादा जुड़ा हुआ है *यह सर्व समाज में भी काफी मान सम्मान और प्रतिष्ठा रखते हैं*
मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला सुर्खियों में सबसे ज्यादा उस वक्त आए थे जब सुखदेव दादा पर शार्कसूटर का खतरा मंडरा रहा था और उनको जान का खतरा था समाज उनको राजकीय सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए संघर्ष कर रहा था उस वक्त *मनोहर सिंह जी घोड़ीवाला ने दादा सुखदेव सिंह गोगामेडी को राजकीय सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए 6 दिन का आमरण अनशन किया था झुंझुनू जिले में,*
समाज के प्रत्येक कार्य में उन्होंने बढ़-चढ़कर अहम भूमिका निभाई है
चाहे आनंदपाल प्रकरण हाे,
चाहे मां पद्मावती का आंदोलन हो,
चाहे विधानसभा घेराव हाे,
आनंदपाल दादा की पुण्यतिथि पर ब्लड डोनेशन कैंप हाे,
चाहे धार्मिक क्षेत्र से जुड़ा हुआ मामले हो,
चाहे देश के गद्दारों द्वारा ललकारे गए मां भारती के सपूतों के लिए तिरंगा यात्रा हो,
जय मां भवानी
जय छात्र धर्म
No comments:
Post a Comment