कालवी साहब की हुँकार रैली फ्लाप, यह सब सरकार से मिलीभगत ? या फिर समाज की नजरों में फेल ???
पिछले चार सालों में राजपूत समाज ने संघर्ष कर भाजपा सरकार विरोधी आंदोलन रैलियों/विरोध प्रदर्शनों से जो 'हो हल्ले' रुपी, हौव्वा, जो मूवमैंट खड़ा किया था, उप चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को जो पटकणी लगाई थी, आमजन की नजर से उस अमिट छवि को मिटाने की असफल कोशिश तो नहीं थी ?? आज जयपुर में प्रायोजित वो हूँकार रैली ...
लोकेन्द्र सिंह कालवी जैसे पुराने नेता द्वारा आह्वान की गई रैली का, चुनावी दौर समय इस तरह से, बुरी तरह से फ्लाप शो जैसे फेल होना...
लोकेन्द्र सिंह कालवी जैसे पुराने नेता द्वारा आह्वान की गई रैली का, चुनावी दौर समय इस तरह से, बुरी तरह से फ्लाप शो जैसे फेल होना...
यानी जानबूझकर अपनी ही रैली, खुद की सभा खुद ही फ्लाप कर देना तो नहीं ....???
और इन महाशय जी का तो पुराना ट्रेक रिकार्ड भी इन सब बातों का गवाह है .....
सांवराद आंदोलन/पद्मावती फिल्म रिलीज विरोधी आंदोलन समय, लाख कोशिश करने बाबजूद भी यह लोग क्षत्रिय समाज की एकजुटता को तोड़ नहीं पाए थे...
उल्टा एट्रोसिटी संशोधन एक्ट को पुनः सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पुराने रूप में लागू करने की मांग,
सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग एवं अन्य दूसरे सामाजिक आंदोलनो से अपनी भूमिका से, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के मुखिया रूप में,
क्षत्रिय समाज के क्रांतिकारी नेता के रुप में उभर कर सामने आए,
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जैसे आक्रामक नेता ने, क्षत्रिय समाज के पारंपरिक सहयोगी रहे समाजों-
सवर्णो, मूल ओबीसी के छोटे बड़े जातीय वर्गों में अपने प्रति विश्वास कायम करते हुए, उन सबको भी अपने साथ और जोड़ लिया है ....
सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग एवं अन्य दूसरे सामाजिक आंदोलनो से अपनी भूमिका से, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के मुखिया रूप में,
क्षत्रिय समाज के क्रांतिकारी नेता के रुप में उभर कर सामने आए,
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जैसे आक्रामक नेता ने, क्षत्रिय समाज के पारंपरिक सहयोगी रहे समाजों-
सवर्णो, मूल ओबीसी के छोटे बड़े जातीय वर्गों में अपने प्रति विश्वास कायम करते हुए, उन सबको भी अपने साथ और जोड़ लिया है ....
अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर, उनके हितों के लिए रातदिन लगे रहने वाले उन पुराने नेताओं की,
समाज को दो फाड़ो में विभाजित करने जैसी, 2003 के अमरूदों के बाग वाली जैसी चाल तो कामयाब हुई नहीं ..
समाज को दो फाड़ो में विभाजित करने जैसी, 2003 के अमरूदों के बाग वाली जैसी चाल तो कामयाब हुई नहीं ..
तो इन शातिर लोगों का यही तरीका सही,
कि - #शातिराना अंदाज में राजपूत समाज के नाम पर, राजधानी जयपुर में प्रदेश स्तरीय हूँकार रैली का आह्वान करते हुए उसका आयोजन करना ....
और उसे चालबाजी करते हुए खुद ही फ्लाप कर देना...
कि - #शातिराना अंदाज में राजपूत समाज के नाम पर, राजधानी जयपुर में प्रदेश स्तरीय हूँकार रैली का आह्वान करते हुए उसका आयोजन करना ....
और उसे चालबाजी करते हुए खुद ही फ्लाप कर देना...
यानी हम लोगों ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ जो माहौल बना रखा है, उसे मीडिया मैनेजमेंट करते हुए आमजन की नजर में धूमिल सा कर देना ....
मतलब राजपूत समाज ने पद्मावती फिल्म रिलीज विरोधी आंदोलन के बीच, उप-चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को जो जोरदार पटकणी लगाई थी,
उसके बाद से ही टीवी चैनलो, अखबार मैगजीनों में सोसिअल मीडिया पर हौव्वा सा बन गया ...
उसे खत्म करने की कोशिश भर थी, आज फ्लाप शो जैसे साबित यह नकली हूँकार रैली ....
उसके बाद से ही टीवी चैनलो, अखबार मैगजीनों में सोसिअल मीडिया पर हौव्वा सा बन गया ...
उसे खत्म करने की कोशिश भर थी, आज फ्लाप शो जैसे साबित यह नकली हूँकार रैली ....
जिससे आमजन और मीडिया में राजपूत समाज का उप चुनावों के बाद से ही जो हो-हल्ला बना हुआ है,
उस हौव्वे को खत्म कर दें, तो राजपूत समाज कारण जो भाजपा की कमजोर स्थिति बनी हुई है .....
वो माहौल खत्म हो जाए .....
उस हौव्वे को खत्म कर दें, तो राजपूत समाज कारण जो भाजपा की कमजोर स्थिति बनी हुई है .....
वो माहौल खत्म हो जाए .....
राजपूत समाज, रावणा राजपूत समाज, चारण बारहट समाज, राजपुरोहित समाज तथा सवर्णों मूल ओबीसी, अल्प संख्यक समुदाय सहित जो भी आरक्षण वंचित अन्य जातियां सभी एकजुट हो ....
सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ़ माहौल बनाया उसे खत्म कर दिया जाए ....
सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ़ माहौल बनाया उसे खत्म कर दिया जाए ....
आजादी के बाद सत्तर सालों बाद, राजनीतिक दलों की गुलामी छोड़, राजनेताओं का मोह छोड़ ....
जो आंदोलन रूपी यह मूवमैंट खड़ा किया है, वो माहौल बिखर जाए, छीन्न भीन्न हो, हम सभी की मेहनत संघर्ष पर पानी फिर जाए ....
जो आंदोलन रूपी यह मूवमैंट खड़ा किया है, वो माहौल बिखर जाए, छीन्न भीन्न हो, हम सभी की मेहनत संघर्ष पर पानी फिर जाए ....
पर क्षत्रिय राजपूत समाज के साथ हमारे साथ वाले उक्त सभी पारंपरिक साथी सहयोगी समाज,
सब जागरूक और सावधान है, हम ऐसे षड़यंत्रों और चालों में अब फसने वाले नहीं है ....
उन सभी समाजद्रोही तत्वों को हम एकजुटता के साथ करारा मुंहतोड़ जबाब देंगे।
सब जागरूक और सावधान है, हम ऐसे षड़यंत्रों और चालों में अब फसने वाले नहीं है ....
उन सभी समाजद्रोही तत्वों को हम एकजुटता के साथ करारा मुंहतोड़ जबाब देंगे।
जय राजपूताना
कालवी साहब की हुँकार रैली फ्लाप, यह सब सरकार से मिलीभगत ? या फिर समाज की नजरों में फेल ???? है ....
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