परिचय समाज का जनसेवक महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर से*
आज मैं जिस युवा शख्सियत का परिचय करने जा रहा हूं उसे भले ही कोई नहीं जानता हो पर इस युवा शख्सियत ने समाज के लाखों करोड़ों लोगों का दिल जीता है *जब जब इस भाई का नाम लिया जाएगा तब तब सांवराद प्रकरण 12 जुलाई 2017 याद किया जाएगा* समाज की इस युवा शख्सियत ने सांवराद प्रकरण का दंश झेला है मेरा उद्देश्य इस युवा भाई के यह योगदान को संपूर्ण भारतवर्ष के क्षत्रियों को बताने पोस्ट के माध्यम से!!
महेंद्र सिंह देवलिया
ठिकाना- देवलिया
जिला- जोधपुर
राजस्थान
महेंद्र सिंह देवलिया समाज की वह युवा शख्सियत है जिस उम्र में युवा कॉलेज लाइफ और कॉलेज की पढ़ाई करता है उस दौर में आनंदपाल फर्जी एनकाउंटर की श्रद्धांजलि सभा 12 जुलाई सांवराद में *इस युवा भाई ने समाज के लिए अपने सीने पर गोली खाई है* समाज की इस युवा शख्सियत को भारतवर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज सलाम करता है,
कौन भूल सकता है 12 जुलाई सांवराद मैं इस युवा भाई को पुलिस की गोली पीठ के पीछे लगी और पेट के आर पार हो गई बड़ी दुखद घटना थी पर भाई ने हार नहीं मानी और उस घटना से संघर्ष करता रहा और आज हम सब के बीच है,
वर्तमान में आदरणीय भाई महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर से 15 किलोमीटर दूर अपने गांव देवलिया में अपने परिवार के साथ रहते हैं,
*अब परिचय करवाता हूं सांवराद प्रकरण से लेकर आज तक के संघर्ष से*
महेंद्र सिंह देवलिया अपने साथी मित्रों के साथ जोधपुर से आनंदपाल दादा की श्रद्धांजलि सभा सांवराद में पहुंचे थे पर वहां पर शाम होते-होते तांडव का रूप धारण कर लिया सांवराद और उस तांडव का शिकार आदरणीय भाई महेंद्र सिंह जी देवलिया हो गए,
12 जुलाई 2017 की शाम को लगभग 6:00 से 7:00 बजे के करीब आदरणीय भाई के पुलिस की गोली पीठ पर लगती है और वह गोली आगे की तरफ पेट से निकल जाती है *आदरणीय भाई को तुरंत उपचार के लिए लाडनूं हॉस्पिटल लाया जाता है और वहां से जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल रेफर कर दिया जाता है* यहां पर भाई जिंदगी और मौत से संघर्ष करता है और हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जाता है यहां पर *आदरणीय भाई महेंद्र सिंह देवलिया का तीन ऑपरेशन होता है और करीब 45 दिन हॉस्पिटल में भर्ती रहते हैं* इस दौरान राजपूत सभा भवन जयपुर के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लाेटवाड़ा जी का बहुत अच्छा योगदान रहता है 45 दिन तक की रहने खाने की व्यवस्था और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है,
45 दिन के संघर्ष के बाद भाई अपने घर वापसी करते हैं और घर पर आने के बाद 3 महीने बाद वापस आंत का ऑपरेशन और पेट में लगा डीजे स्टैंड निकलवाना था, यह सब कुछ महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाते हैं वहां पर भाई के दो ऑपरेशन किए जाते हैं फिर भी *भाई को तकलीफ होती रही और 3 महीने तक घर और हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे* सफल ऑपरेशन होने के बाद लगता है कि अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाऊंगा पर तकदीर को कुछ और ही मंजूर था और इंफेक्शन वगैरह की वजह से *नई तकलीफ शुरू हो जाती है और यूरोट नाडु ब्लॉक हो जाती है*
तकलीफ ज्यादा होने लगती है पर घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी फिर भी घर से लाखों रुपए और समाज ने भी खूब पैसे लगा दिए पर राहत नहीं मिली अब *घर की आर्थिक स्थिति से लड़ाई लड़े या फिर अपने जीवन की मजदार में पड़ी नाव से संघर्ष करें,* जब घर से पैसे लगाने के बाद और समाज के आर्थिक सहयोग करने के बावजूद आगे उपचार करवाने के लिए परिवार जब असमर्थ हो जाता है *तब काम आता है सोशल मीडिया,*
*सोशल मीडिया की ताकत और यहां से शुरू होता है राष्ट्रीय करणी सेना का योगदान,*
महेंद्र सिंह देवलिया के परिजन और मित्र जनों द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जाती है सांवराद प्रकरण में लगी गोली को लेकर और उपचार में परिवार असमर्थ को लेकर,
जैसे ही यह पोस्ट और खबर राष्ट्रीय करणी सेना और सुप्रीमो सुखदेव सिंह जी गोगामेडी के पास पहुंचती है उसके अगले दिन महेंद्र सिंह देवलिया से जोधपुर मिलने पहुंच जाते हैं,
*सुप्रीमो दादा सुखदेव सिंह गोगामेडी ने संपूर्ण जानकारी लेकर तुरंत गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय करणी सेना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज दादा को फोन करते हैं और पूरी घटनाक्रम की जानकारी देते हैं जैसे ही राज दादा को महेंद्र सिंह देवलिया की संपूर्ण जानकारी मिलती है वैसे ही राज दादा दानदाता की भूमिका निभाते हैं और तुरंत प्रभाव से राज दादा ने महेंद्र सिंह देवलिया के बैंक अकाउंट में ₹11000 डल आते हैं और आगे का संपूर्ण इलाज का एलान करते हैं और अगले दिन ही अहमदाबाद इलाज के लिए बुलाते हैं,*
अगले दिन महेंद्र सिंह देवलिया के परिजन और राष्ट्रीय करनी सेना की टीम अहमदाबाद पहुंच जाती है *सभी की व्यवस्था राष्ट्रीय करणी सेना उपाध्यक्ष राज दादा करते हैं,* यहां पर महेंद्र सिंह देवलिया का 4 महीने तक इलाज होता है और दो ऑपरेशन किए जाते हैं राज दादा की टीम की तरफ से 3 लोग होटल से हॉस्पिटल, हॉस्पिटल से होटल महेंद्र सिंह देवलिया की देखरेख में लगा दिए जाते हैं *पूरे 4 महीने तक के लिए और संपूर्ण खर्चा और होटल की व्यवस्था राज दादा की तरफ से की जाती है* 4 महीने के लंबे इलाज के बाद और दो सफल ऑपरेशन के बाद महेंद्र सिंह जब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते हैं तब राष्ट्रीय करणी सेना के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह देवलिया को अपने घर राजस्थान जोधपुर के लिए पूरी जवाबदारी से अहमदाबाद से रवाना करते हैं, *राज दादा के द्वारा किए गए अच्छा इलाज के द्वारा आज महेंद्र सिंह देवलिया पूर्ण रूप से स्वस्थ है* और पिछले 2 महीने से संपूर्ण प्रकार की दवाइयां बंद कर दी गई है और आज महेंद्र सिंह देवलिया एक स्वस्थ और सामान्य जिंदगी जी रहे हैं *भारत वर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रीमो सुखदेव सिंह गोगामेडी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज दादा काे सलाम करता है और उम्मीद करता है आगे भी इसी प्रकार समाज हित के लिए तत्पर रहेंगे,*
इस संपूर्ण घटनाक्रम में जोधपुर राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष हनुमान सिंह जी खांगटा के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता है उन्होंने भी बहुत सहयोग दिया है
महेंद्र सिंह देवलिया को भारतवर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज और मेरे जैसे लाखों युवा सलाम करते हैं कि भाई ने छोटी सी उम्र में समाज के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी, कहने को ज्यादा शब्द नहीं है पर आदरणीय बड़े भाई के संघर्ष को समाज नतमस्तक होकर सलाम करता है *आपने 12 जुलाई 2017 से लेकर आज तक जो पीड़ा सहन की है वह शायद शब्दों में मैं बयान नहीं कर पाऊंगा* आपके इस संघर्ष का क्षेत्रीय समाज हमेशा ऋणी रहेगा,
*नाेट- समाज के द्वारा जो महेंद्र सिंह देवलिया को आर्थिक सहायता मिली थी वह लगभग चार लाख के करीब थी*
कुलदेवी जमवाय माता से प्रार्थना करूंगा आदरणीय बड़े भाई महेंद्र सिंह देवलिया पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाए रखें!!
जय मां भवानी
जय छात्र धर्म
जय राजपूताना
आज मैं जिस युवा शख्सियत का परिचय करने जा रहा हूं उसे भले ही कोई नहीं जानता हो पर इस युवा शख्सियत ने समाज के लाखों करोड़ों लोगों का दिल जीता है *जब जब इस भाई का नाम लिया जाएगा तब तब सांवराद प्रकरण 12 जुलाई 2017 याद किया जाएगा* समाज की इस युवा शख्सियत ने सांवराद प्रकरण का दंश झेला है मेरा उद्देश्य इस युवा भाई के यह योगदान को संपूर्ण भारतवर्ष के क्षत्रियों को बताने पोस्ट के माध्यम से!!
महेंद्र सिंह देवलिया
ठिकाना- देवलिया
जिला- जोधपुर
राजस्थान
महेंद्र सिंह देवलिया समाज की वह युवा शख्सियत है जिस उम्र में युवा कॉलेज लाइफ और कॉलेज की पढ़ाई करता है उस दौर में आनंदपाल फर्जी एनकाउंटर की श्रद्धांजलि सभा 12 जुलाई सांवराद में *इस युवा भाई ने समाज के लिए अपने सीने पर गोली खाई है* समाज की इस युवा शख्सियत को भारतवर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज सलाम करता है,
कौन भूल सकता है 12 जुलाई सांवराद मैं इस युवा भाई को पुलिस की गोली पीठ के पीछे लगी और पेट के आर पार हो गई बड़ी दुखद घटना थी पर भाई ने हार नहीं मानी और उस घटना से संघर्ष करता रहा और आज हम सब के बीच है,
वर्तमान में आदरणीय भाई महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर से 15 किलोमीटर दूर अपने गांव देवलिया में अपने परिवार के साथ रहते हैं,
*अब परिचय करवाता हूं सांवराद प्रकरण से लेकर आज तक के संघर्ष से*
महेंद्र सिंह देवलिया अपने साथी मित्रों के साथ जोधपुर से आनंदपाल दादा की श्रद्धांजलि सभा सांवराद में पहुंचे थे पर वहां पर शाम होते-होते तांडव का रूप धारण कर लिया सांवराद और उस तांडव का शिकार आदरणीय भाई महेंद्र सिंह जी देवलिया हो गए,
12 जुलाई 2017 की शाम को लगभग 6:00 से 7:00 बजे के करीब आदरणीय भाई के पुलिस की गोली पीठ पर लगती है और वह गोली आगे की तरफ पेट से निकल जाती है *आदरणीय भाई को तुरंत उपचार के लिए लाडनूं हॉस्पिटल लाया जाता है और वहां से जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल रेफर कर दिया जाता है* यहां पर भाई जिंदगी और मौत से संघर्ष करता है और हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया जाता है यहां पर *आदरणीय भाई महेंद्र सिंह देवलिया का तीन ऑपरेशन होता है और करीब 45 दिन हॉस्पिटल में भर्ती रहते हैं* इस दौरान राजपूत सभा भवन जयपुर के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लाेटवाड़ा जी का बहुत अच्छा योगदान रहता है 45 दिन तक की रहने खाने की व्यवस्था और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है,
45 दिन के संघर्ष के बाद भाई अपने घर वापसी करते हैं और घर पर आने के बाद 3 महीने बाद वापस आंत का ऑपरेशन और पेट में लगा डीजे स्टैंड निकलवाना था, यह सब कुछ महेंद्र सिंह देवलिया जोधपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाते हैं वहां पर भाई के दो ऑपरेशन किए जाते हैं फिर भी *भाई को तकलीफ होती रही और 3 महीने तक घर और हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे* सफल ऑपरेशन होने के बाद लगता है कि अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाऊंगा पर तकदीर को कुछ और ही मंजूर था और इंफेक्शन वगैरह की वजह से *नई तकलीफ शुरू हो जाती है और यूरोट नाडु ब्लॉक हो जाती है*
तकलीफ ज्यादा होने लगती है पर घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी फिर भी घर से लाखों रुपए और समाज ने भी खूब पैसे लगा दिए पर राहत नहीं मिली अब *घर की आर्थिक स्थिति से लड़ाई लड़े या फिर अपने जीवन की मजदार में पड़ी नाव से संघर्ष करें,* जब घर से पैसे लगाने के बाद और समाज के आर्थिक सहयोग करने के बावजूद आगे उपचार करवाने के लिए परिवार जब असमर्थ हो जाता है *तब काम आता है सोशल मीडिया,*
*सोशल मीडिया की ताकत और यहां से शुरू होता है राष्ट्रीय करणी सेना का योगदान,*
महेंद्र सिंह देवलिया के परिजन और मित्र जनों द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जाती है सांवराद प्रकरण में लगी गोली को लेकर और उपचार में परिवार असमर्थ को लेकर,
जैसे ही यह पोस्ट और खबर राष्ट्रीय करणी सेना और सुप्रीमो सुखदेव सिंह जी गोगामेडी के पास पहुंचती है उसके अगले दिन महेंद्र सिंह देवलिया से जोधपुर मिलने पहुंच जाते हैं,
*सुप्रीमो दादा सुखदेव सिंह गोगामेडी ने संपूर्ण जानकारी लेकर तुरंत गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय करणी सेना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज दादा को फोन करते हैं और पूरी घटनाक्रम की जानकारी देते हैं जैसे ही राज दादा को महेंद्र सिंह देवलिया की संपूर्ण जानकारी मिलती है वैसे ही राज दादा दानदाता की भूमिका निभाते हैं और तुरंत प्रभाव से राज दादा ने महेंद्र सिंह देवलिया के बैंक अकाउंट में ₹11000 डल आते हैं और आगे का संपूर्ण इलाज का एलान करते हैं और अगले दिन ही अहमदाबाद इलाज के लिए बुलाते हैं,*
अगले दिन महेंद्र सिंह देवलिया के परिजन और राष्ट्रीय करनी सेना की टीम अहमदाबाद पहुंच जाती है *सभी की व्यवस्था राष्ट्रीय करणी सेना उपाध्यक्ष राज दादा करते हैं,* यहां पर महेंद्र सिंह देवलिया का 4 महीने तक इलाज होता है और दो ऑपरेशन किए जाते हैं राज दादा की टीम की तरफ से 3 लोग होटल से हॉस्पिटल, हॉस्पिटल से होटल महेंद्र सिंह देवलिया की देखरेख में लगा दिए जाते हैं *पूरे 4 महीने तक के लिए और संपूर्ण खर्चा और होटल की व्यवस्था राज दादा की तरफ से की जाती है* 4 महीने के लंबे इलाज के बाद और दो सफल ऑपरेशन के बाद महेंद्र सिंह जब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते हैं तब राष्ट्रीय करणी सेना के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह देवलिया को अपने घर राजस्थान जोधपुर के लिए पूरी जवाबदारी से अहमदाबाद से रवाना करते हैं, *राज दादा के द्वारा किए गए अच्छा इलाज के द्वारा आज महेंद्र सिंह देवलिया पूर्ण रूप से स्वस्थ है* और पिछले 2 महीने से संपूर्ण प्रकार की दवाइयां बंद कर दी गई है और आज महेंद्र सिंह देवलिया एक स्वस्थ और सामान्य जिंदगी जी रहे हैं *भारत वर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रीमो सुखदेव सिंह गोगामेडी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज दादा काे सलाम करता है और उम्मीद करता है आगे भी इसी प्रकार समाज हित के लिए तत्पर रहेंगे,*
इस संपूर्ण घटनाक्रम में जोधपुर राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष हनुमान सिंह जी खांगटा के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता है उन्होंने भी बहुत सहयोग दिया है
महेंद्र सिंह देवलिया को भारतवर्ष का संपूर्ण क्षेत्रीय समाज और मेरे जैसे लाखों युवा सलाम करते हैं कि भाई ने छोटी सी उम्र में समाज के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी, कहने को ज्यादा शब्द नहीं है पर आदरणीय बड़े भाई के संघर्ष को समाज नतमस्तक होकर सलाम करता है *आपने 12 जुलाई 2017 से लेकर आज तक जो पीड़ा सहन की है वह शायद शब्दों में मैं बयान नहीं कर पाऊंगा* आपके इस संघर्ष का क्षेत्रीय समाज हमेशा ऋणी रहेगा,
*नाेट- समाज के द्वारा जो महेंद्र सिंह देवलिया को आर्थिक सहायता मिली थी वह लगभग चार लाख के करीब थी*
कुलदेवी जमवाय माता से प्रार्थना करूंगा आदरणीय बड़े भाई महेंद्र सिंह देवलिया पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाए रखें!!
जय मां भवानी
जय छात्र धर्म
जय राजपूताना
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