राजपूत और ब्राह्मणों अगर थोड़ी भी शर्म हो तो विचार करना नही तो आपस मे ही लड़ते रहना राजपूत और ब्राह्मण एक दूसरे के पूरक हमेसा रहे हैं और आपस मे जितना एक दूसरे का सम्मान करते हैं अन्य कोई नही करता इसलिए एक बनो नेक बनो और इस बार सीखा दो सिंगरौली को की राजनीति कैसे की जाती है। हमारा विरोध किसी भी जाति से नही है लेकिन हमारे जाती को लेकर स्वाभिमान पर चोट की जाएगी तो हम कब तक चुप रहेंगे।
जय श्री राम जय परशुराम
ब्रह्मशक्ति एक हो
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