Monday, 19 November 2018

इसलिए_है_गोगामेड़ी_सो_कॉल्ड_बुद्धिजीवियों_के_निशाने_पर

#इसलिए_है_गोगामेड़ी_सो_कॉल्ड_बुद्धिजीवियों_के_निशाने_पर●●●

आजकल समाज का बुद्धिजीवी वर्ग आपराधिक छवि वाले लोगों द्वारा सामाजिक नेतृत्व हथिया लिए जाने काफी दुखी है| इन कथित बुद्धिजीवियों का कहना है कि आपराधिक छवि के लोगों का नेतृत्व चाहे किसी भी जाति वर्ग का हो वह खतरनाक है | एक बुद्धिजीवी ने फेसबुक पर अपना दुःख प्रकट करते हुए या फिर तंज कसते हुए लिखा कि- “मजे की बात यह है कि एससी -एसटी एक्ट के दुरुपयोग की आशंका भी वह सज्जन (?) जता रहे हैं, जो खुद हत्या, हत्या के प्रयास, जैसे कई आरोपों में घिरे रहे हैं और जेल यात्राओं के बावजूद बेरोजगारी – बेकारी जैसी समस्याओं से जूझते नौजवानों और समाज का नेतृत्व करने के लिए सज -धज कर तैयार हैं|”

बुद्धिजीवियों के इस तरह के पोस्ट पढ़कर ये तो साफ़ है कि करणी सेना को मिल रहे अपार समर्थन व करणी सेना में आपराधिक छवि वाले लोगों के नेतृत्व से समाज के बुद्धिजीवी काफी विचलित है| ये उनका दुःख भी हो सकता, करणी सेना की कामयाबी को लेकर उनके मन में जलन भी हो सकती है, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जैसे कम पढ़े लिखे व हत्या के प्रयास, जैसे आरोपों का सामना करने वाले नेताओं के आगे बढ़ने का डर है, ये तो वो ही जाने पर यह सच है कि आज देशभर के क्षत्रिय युवाओं की पहली पसंद करणी सेना ही है| पद्मावत मुद्दे पर विरोध हो, उपचुनावों में भाजपा को सबक सिखाना हो, हाल ही उज्जैन में आठ लाख से ज्यादा की भीड़ एकत्र कर शिवराजसिंह को अपनी भाषा बदलने के लिए मजबूर करना हो, ये काम करणी सेना, जय राजपुताना संघ व उन्हीं के सम्पर्क वाले विभिन्न क्षत्रिय संगठनों ने ही किया है| आपको बता दें सुखदेवसिंह गोगामेड़ी पर कई आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं, ऐसे मुकदमें संसद में बैठे कई नेताओं पर चल रहे हैं, हमारा संविधान उसे ही दोषी मानता है जिसका अपराध न्यायलय में साबित हो जाए, बाकी आरोप किसी पर भी, कभी भी, कैसे भी लगाए जा सकते हैं, आरोप लगते ही किसी को आपराधिक पृष्ठभूमि का कहना भी गलत है| सुखदेव गोगामेड़ी पर भी आरोप है, जो अभी तक साबित नहीं हुए|

बेशक ये संगठन और खासकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी बुद्धिजीवियों के निशाने पर हों पर यह भी एक कड़वा सच है कि आज इन कथित बुद्धिजीवियों, सो कॉल्ड समाजसेवियों, राजनैतिक दलों में उपेक्षित राजपूत नेताओं की पूछ इन्हीं संगठनों के कारण बढ़ी है| अत: कथित बुद्धिजीवी व सो कॉल्ड समाज से

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