Monday, 5 November 2018

दबग लिडर राजपूत क्षत्राणी सीमा सिंह

हम रोज रोज सन्गठन प्रमुखों ओर संगठनों की बात करते हैं पर जिन संगठनों को उचाईयो तक लेजाने वाले कार्य कर्ताओ की कोई बात नही करता आज में उसी जानी मानी समाज सेविका सीमा सिंह की बात करता हु सिमा सिंह एक ऐसी समाज सेविका का है चुप चाप रह कर अपना कार्य करती हैं वैसे तो ये अनेको संगठनों से जुड़ी हुई हैं पर प्रमुख जो सन्गठन हैं उनमें राष्ट्रीय करनी सेना से जुड़ी हैं आप को राष्ट्रीय महा सचिव पद पर बनी हुई है आप अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से भी जुड़ी हुई हैं यहां पर भी ये राष्ट्रीय सचिव के पद पर है इस सन्गठन मे ना जाती हैं ना धर्म हैं हर किसी की मदद की जाती हैं सीमा सिंह एक नीडर, साहसी व्यक्तित्व की धनी है

राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना में जब से जुड़ी हुई जब सुखदेव सिंह गोगामेड़ी करनी सेना से अलग हुए तभी सीमा सिंह सुखदेव सिंह का साथ दी और देश के कई प्रदेशों में कार्यकारिणी का गठन करने में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का कंधा से कंधा मिलाकर साथ दिया महिलाओं के साथ साथ पुरुषों की भी नियुक्ति की हर राज्य और हर  तहसील में  नियुक्ति करवाई महिलाओं और पुरुषों को आगे बढ़ने की प्ररेणा दि आज भी हर राज्य में छोटे से लेकर बड़े पदाधिकारी इनसे जुड़े हुए हैं और अपनी छोटी बड़ी समस्या सीमा बाईसा से शेयर करते हैं सीमा बाईसा सभी की समस्याओं का हल भी करती हैं

सीमा बाईसा शिक्षा के क्षेत्र में भी हमेशा अव्वल रही है अपने स्कूल टाइम में बचपन से ही पहली क्लास  से बारहवीं कक्षा तक अपने विद्यालय की टापर्स स्टूडेंट रहीं हैं और इन्होंने हरियाणा के MDU यूनिवर्सिटी से M.Aऔर B.ed, NTT की डिग्री हासिल की और अपने मेहनत और लगन से आज भिवाड़ी में दो विद्यालय की संचालिका है

सीमा बाईसा सच्चाई और ईमानदारी के लिए फेमस है  सीमा बाईसा ह्यूमन राइट्स से जुड़ी हुई है और कहीं भी किसी भी प्रदेश में किसी बहन और भाई को परेशानी होती है उनकी मदद करती है  हमारे देश की बहुत विधवा बहने जिसका समाज में और अपने ही घर में शोषण हो रहा है उनकी मदद कर रही है  इनकी कार्य की जितनी भी तारीफ की जाएं बहुत कम है  इन्हें दिखावा बिल्कुल भी पसंद नहीं है सीमा बाईसा अपने विद्यालय में प्रत्येक वर्ष ग्यारह कन्याओं को फ्री शिक्षा प्रदान करती है

सीमा बाईसा की हिम्मत और हौसले की तों कोई सीमा नहीं है प्रदेश चाहे कोई भी हो शासन प्रशासन और सरकार से सीधे टक्कर लेती है सीमा बाईसा एक  बार राष्ट्रीय करनी सेना की  रैली में मध्यप्रदेश जातें हुए रोड एक्सीडेंट्स में घायल हो गई अपना कंधा तुड़वा लिया फिर भी रैली में डटी रही उस एक्सीडेंट  में उनका दाहिना हाथ का कंधा आज भी काम नही करता फिर हार नहीं मानी आज भी राष्ट्रीय करनी सेना के लिए तन,मन और धन से जुड़ी हुई है और अपना योगदान दे रही है इनके संघर्ष और वफादारी को देखते हुए केई संगठन की नजर है सीमा बाईसा  को  बहुत बार पद भी आफर कर चुके हैं पर बाईसा ने मना कर दिया उनका कहना है संगठन एक परिवार की तरह है और मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हुं
सीमा बाईसा के पिताजी, चाचा जी और भाई उनके सारे परिवार डिफेंस में रहे है भारत के हर क्षेत्र में देश की सेवा कर रहे हैं और अपना योगदान दे रहे हैं इनकी दो बेटियां और एक बेटा है जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपनी मां के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें रही है

हमारे समाज को आप जैसी क्षत्राणि पर गर्व और ये समाज आपसे काफी उम्मीदें करता है

आप इसी तरह सभी क्षेत्र में कार्य करती रहें और इस देश में राजपूताना का नाम रोशन करती रहे  ताकि हमारी और भी बहनें को आपसे प्रेरणा मिलती लेती रहे

जय भवानी
जय राजपुताना
जय क्षत्राणी।
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