हम रोज रोज सन्गठन प्रमुखों ओर संगठनों की बात करते हैं पर जिन संगठनों को उचाईयो तक लेजाने वाले कार्य कर्ताओ की कोई बात नही करता आज में उसी जानी मानी समाज सेविका सीमा सिंह की बात करता हु सिमा सिंह एक ऐसी समाज सेविका का है चुप चाप रह कर अपना कार्य करती हैं वैसे तो ये अनेको संगठनों से जुड़ी हुई हैं पर प्रमुख जो सन्गठन हैं उनमें राष्ट्रीय करनी सेना से जुड़ी हैं आप को राष्ट्रीय महा सचिव पद पर बनी हुई है आप अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से भी जुड़ी हुई हैं यहां पर भी ये राष्ट्रीय सचिव के पद पर है इस सन्गठन मे ना जाती हैं ना धर्म हैं हर किसी की मदद की जाती हैं सीमा सिंह एक नीडर, साहसी व्यक्तित्व की धनी है
राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना में जब से जुड़ी हुई जब सुखदेव सिंह गोगामेड़ी करनी सेना से अलग हुए तभी सीमा सिंह सुखदेव सिंह का साथ दी और देश के कई प्रदेशों में कार्यकारिणी का गठन करने में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का कंधा से कंधा मिलाकर साथ दिया महिलाओं के साथ साथ पुरुषों की भी नियुक्ति की हर राज्य और हर तहसील में नियुक्ति करवाई महिलाओं और पुरुषों को आगे बढ़ने की प्ररेणा दि आज भी हर राज्य में छोटे से लेकर बड़े पदाधिकारी इनसे जुड़े हुए हैं और अपनी छोटी बड़ी समस्या सीमा बाईसा से शेयर करते हैं सीमा बाईसा सभी की समस्याओं का हल भी करती हैं
सीमा बाईसा शिक्षा के क्षेत्र में भी हमेशा अव्वल रही है अपने स्कूल टाइम में बचपन से ही पहली क्लास से बारहवीं कक्षा तक अपने विद्यालय की टापर्स स्टूडेंट रहीं हैं और इन्होंने हरियाणा के MDU यूनिवर्सिटी से M.Aऔर B.ed, NTT की डिग्री हासिल की और अपने मेहनत और लगन से आज भिवाड़ी में दो विद्यालय की संचालिका है
सीमा बाईसा सच्चाई और ईमानदारी के लिए फेमस है सीमा बाईसा ह्यूमन राइट्स से जुड़ी हुई है और कहीं भी किसी भी प्रदेश में किसी बहन और भाई को परेशानी होती है उनकी मदद करती है हमारे देश की बहुत विधवा बहने जिसका समाज में और अपने ही घर में शोषण हो रहा है उनकी मदद कर रही है इनकी कार्य की जितनी भी तारीफ की जाएं बहुत कम है इन्हें दिखावा बिल्कुल भी पसंद नहीं है सीमा बाईसा अपने विद्यालय में प्रत्येक वर्ष ग्यारह कन्याओं को फ्री शिक्षा प्रदान करती है
सीमा बाईसा की हिम्मत और हौसले की तों कोई सीमा नहीं है प्रदेश चाहे कोई भी हो शासन प्रशासन और सरकार से सीधे टक्कर लेती है सीमा बाईसा एक बार राष्ट्रीय करनी सेना की रैली में मध्यप्रदेश जातें हुए रोड एक्सीडेंट्स में घायल हो गई अपना कंधा तुड़वा लिया फिर भी रैली में डटी रही उस एक्सीडेंट में उनका दाहिना हाथ का कंधा आज भी काम नही करता फिर हार नहीं मानी आज भी राष्ट्रीय करनी सेना के लिए तन,मन और धन से जुड़ी हुई है और अपना योगदान दे रही है इनके संघर्ष और वफादारी को देखते हुए केई संगठन की नजर है सीमा बाईसा को बहुत बार पद भी आफर कर चुके हैं पर बाईसा ने मना कर दिया उनका कहना है संगठन एक परिवार की तरह है और मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हुं
सीमा बाईसा के पिताजी, चाचा जी और भाई उनके सारे परिवार डिफेंस में रहे है भारत के हर क्षेत्र में देश की सेवा कर रहे हैं और अपना योगदान दे रहे हैं इनकी दो बेटियां और एक बेटा है जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपनी मां के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें रही है
हमारे समाज को आप जैसी क्षत्राणि पर गर्व और ये समाज आपसे काफी उम्मीदें करता है
आप इसी तरह सभी क्षेत्र में कार्य करती रहें और इस देश में राजपूताना का नाम रोशन करती रहे ताकि हमारी और भी बहनें को आपसे प्रेरणा मिलती लेती रहे
जय भवानी
जय राजपुताना
जय क्षत्राणी।
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