Wednesday, 14 November 2018

गोगामेड़ी के पिछे पिछे कालवी जी

कालवी साहब द्वारा भी राम लल्ला मंदिर का समर्थन ... सुखदेव जी गोगामेड़ी जो भी करते, कालवी साहब और महिपाल जी मकराणा उसे फोलो जरूर करते, सिवाय कश्मीर के लालचौक पे झंडा फहराने को छोड़ के, क्योंकि वहाँ पे .... ....... वहाँ नहीं जा पाए।
कौन कहता है ? करणी सेना अलग अलग है और कालवी साहब सुखदेव जी से अलग है ...
अब कालवी साहब द्वारा भी रामलल्ला मंदिर (राजमहल) निर्माण की मांग ...
सुखदेव जी डाल डाल, तो कालवी साहब भी पात पात ...
देख ही लो, सुखदेव जी गोगामेड़ी ने जब 2014-15 में करणी सेना को राष्ट्रीय संगठन के हिसाब से विस्तार देना चाहा, और यूपी बिहार दिल्ली एमपी झारखंड में विस्तार किया तो कभी राजस्थान के तीन चार जिलों में ही सिमटी पड़ी, राजपूत करणी सेना के संरक्षक कालवी साहब को भी, इस बुढापे में, राज्य राज्य घूम कर, झूठे सच्चे करणी सेना अध्यक्ष घोषित करने पड़े थे ...
यहाँ तक कालवी साहब और महिपाल जी मकराणा की अगुआई वाली, श्री राजपूत करणी सेना ने साउथ में भी शुद्ध राजपूत ढूँढ ही लिए ....
[ पुराने क्षत्रियवंश एक खोज .... ]
और जब करणी सेना मुखिया सुखदेव दादा ने माफिया सरगना आनंदपाल सिंह के फर्जी एनकांउटर के विरोध में सांवराद गाँव में धरना दे वहाँ पड़ाव दे डाला ....
तो - ना चाहते हुए भी, कालवी साहब को आनंदपाल सिंह के पक्ष में जारी, राजपूतों और रावणा राजपूतों के आंदोलन के समर्थन में वहाँ आना पड़ा ...
पद्मावती फिल्म विरोधी आंदोलन को ही ले लो, मोदी सरकार के विरोध में आक्रामक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुके, उस आंदोलन में भी, कालवी बाबोसा को स्टेट स्टेट भाजपा मुख्यमंत्रियों से मिलना पड़ा ....
और जब करणी सेना द्वारा विधानसभा घेराव, आर्थिक आधार पर बने सवर्णों के बोर्ड का घेराव करते हुए आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की गई,
तो कालवी साहब को भी भले गोलमाल भाषा में ही सही, पर समाज को दिखाने के लिए, ऐन चुणावों के मौके, चित्तौड़ में रैली कर, आरक्षण की समीक्षा हो, सरकार से ऐसी मांग करनी पड़ी ....
और जब सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने अयोध्या से भगवान राम का वंशज होने नाते अयोध्या में राम लल्ला का मंदिर बनाने की बात कही ....
और इसपर भाजपा की मोदी सरकार को चेताया, तो घूम फिरकर कालवी साहब को भी अब आखिर सरयू घाट पर जा, अयोध्या में भगवान राम का मंदिर रूपी राजमहल बने, उक्त मांग करनी पड़ी ...
और अब उप चुनावों में भाजपा को पटकनी के बाद, विधानसभा चुनावों में भी सुखदेव जी गोगामेड़ी भाजपा सरकार विरोध में उतर चुके थे ....
तो कालवी बाबोसा को भी ना चाहते हुए भी झुठा सच्चा विरोध कर, समता आंदोलन के मिशन 59 में एससी/एसटी सीटों वाला गेम खेलना पड़ा ...

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